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(vote of confidence)

सत्ताधारी दल अपने सरकार के खिलाफ ही करेगी विश्वास मत पेश

रांची । झारखंड (vote of confidence)की सियासत के लिए आज का दिन ऐतिहासिक होने वाला है। पहली बार राज्य में कोई सत्ताधारी दल अपने सरकार के खिलाफ ही विश्वास मत पेश करेगी। सोमवार को विधानसभा (vote of confidence) का एक दिन का सत्र बुलाया गया है। स्पष्ट है कि ये विधानसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं होंगे।

स्पीकर न्यायाधिकरण की तरफ से इन्हें सात सितंबर को वर्चुअल सुनवाई में इन्हें शामिल होने का आखिरी नोटिस भेजा गया है। हाईकोर्ट ने इनके बंगाल से बाहर निकलने पर पाबंदी लगाई है। इसमें सरकार विश्वास मत हासिल करेगी। सीएम हेमंत सोरेन की विधायकी पर लटकी तलवार के बीच इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है।

रायपुर से 6 दिन बाद रविवार को महागठबंधन के सभी विधायक रांची पहुंच गए हैं। खराब मौसम की वजह से उनकी फ्लाइट 50 मिनट से आसमान में चक्कर काटती रही। बाद में क्लियरेंस मिलने पर फ्लाइट को एयरपोर्ट पर लैंड कराया गया। झारखंड विधानसभा के स्पीकर ने भी यह बात स्वीकार की है कि सदन में विश्वास मत पेश हो सकता है ।

इसके अलावा अन्य एजेंडों पर फिलहाल स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। एयरपोर्ट से तीन बसों में विधायकों बैठकर निकले हैं। रांची में भी सभी विधायकों को स्टेट गेस्ट हाउस और स्टेट सर्किट हाउस में रखा गया है। इस बीच चर्चा है कि संकट में घिरी सोरेन सरकार सदन में अपना मास्टर स्ट्रोक चल सकती है।

राज्य गठन के बाद से अब तक सबसे विवादित मुद्दा रहा स्थानीयता नीति को सदन में हेमंत सोरेन पेश कर सकती है अगर ऐसा होता है राज्य की सियासत में एक नया उबाल तय माना जा रहा है।