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स्वामी प्रसाद मौर्य के एजेंडे का नहीं करेगी समर्थन,कोलकाता में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक से पार्टी ने दिया यही संदेश

UP:सपा ने रामचरित मानस की चौपाई के बहाने 85-15 के फॉर्मूले के हिसाब से बंटवारा कर पिछड़ों को पक्ष में करने की मुहिम से पैर पीछे खींच लिए हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में धार्मिक पुस्तकों और धर्म से जुड़े संतों पर टिप्पणी से बचने का संदेश देकर समाज में किसी को भी छोड़ने की जगह सभी वर्गाें को साधने की रणनीति पर बढ़ने का संदेश दिया गया है।

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कार्यकारिणी को लेकर सबसे ज्यादा नजर इसी बात पर थी कि रामचरित मानस को लेकर की गई स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी पर पार्टी क्या स्टैंड लेती है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले दिनों लगातार धार्मिक टिप्पणी की। रामचरित मानस की चौपाई ढोल, गंवार, सूद्र, पशु, नारी…. को लेकर इस तरह सवाल उठाया कि सपा को आलोचना का शिकार होना पड़ा। इतना ही नहीं पार्टी के भीतर से भी विरोध शुरू हो गया। लेकिन, स्वामी प्रसाद की सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद यह मुद्दा ज्यादा चर्चा का विषय बना। दरअसल, स्वामी ने मुलाकात के बाद बात तो जातीय जनगणना को मुद्दा बनाने को लेकर की, लेकिन बयानबाजी रामचरित मानस पर बढ़ती गई। हालात ये हो गए कि पार्टी दो फाड़ नजर आने लगी।