गया विश्वविद्यालय (Future) में कक्षा और परीक्षा दोनों सत्र काफी लेट हैं. स्थित मगध यूनिवर्सिटी उन्हीं सरकारी यूनिवर्सिटी(Future) में शामिल हैं, जहां पहले परीक्षा नहीं ली जाती है और अगर परीक्षा ली जा रही है तो रिजल्ट घोषित करने में सालों लग जाता है. छात्रों का कहना है कि जिन्होंने साल 2018 में स्नातक में दाखिला लिया था,
उनका अभी सकेंड ईयर का भी रिजल्ट घोषित नहीं हुआ है. स्नातक रजिस्ट्रेशन की वेलिडिटी भी 5 साल की ही होती है. इससे छात्र परेशान रह रहे हैं. यहां के मगध विश्वविद्यालय के स्नातक के छात्रों की डिग्री 5 साल में भी नहीं पूरी हो पा रही है. मगध यूनिवर्सिटी में एग्जामिनेशन और एकेडमिक कैलेंडर विलंब होने की समस्या कोई नया नहीं है. जब भी परीक्षा ली जाती है,
उसका रिजल्ट समय पर नहीं निकला है. यह समस्या सत्र 2018 और सत्र 2019 में दाखिले लेने वाले छात्रों की है.वर्ष 2018 और 2019 सेशन में नामांकित छात्रों का पार्ट-1 और पार्ट- 2 का रिजल्ट पेंडिंग है. क्योंकि यह परीक्षा कोरोना काल में जल्दीबाजी में ओएमआर शीट पर हुई थी. जैसे ही ओएमआर शीट की स्कैनिंग शुरू हुई, मगध यूनिवर्सिटी में विवाद शुरू हो गया. इस कारण रिजल्ट में देरी हुई है.