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(change direction)

DART मिशन एस्टेरॉयड से टकराकर उसकी दिशा बदलने का प्रयास

अमेरिकी (change direction) स्पेस एजेंसी नासा का DART मिशन 27 सितंबर को एक एस्टेरॉयड से टकराकर उसकी दिशा बदलने का प्रयास करेगा। साथ ही इसे नासा के फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब अकाउंट्स पर भी टेलिकास्ट किया जाएगा। DART का फुल फॉर्म डबल एस्टेरॉयड रिडायरेक्शन (change direction) टेस्ट है। अगर यह कामयाब होता है तो भविष्य में पृथ्वी को उल्का पिंडों से बचाने में आसानी होगी।

इस मिशन को नासा और एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने मिलकर भेजा है। स्पेसक्राफ्ट का मिशन एस्टेरॉयड का रास्ता बदलना है। DART काइनेटिक इम्पैक्ट टेक्नोलॉजी की मदद से डिमोरफोस से 24 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से टकराएगा। इससे 10 मिनट में यह सिस्टम टूट जाएगा और डिडीमॉस की ट्रैजेक्टरी चेंज हो जाएगी। नासा का कहना है कि यह हमारे ग्रह की रक्षा के लिए बनाया गया एक डिफेंस सिस्टम है।

वैसे तो डिडीमॉस एस्टेरॉयड से धरती को कोई खतरा नहीं है, लेकिन यह पहली बार काइनेटिक इम्पैक्ट टेक्नोलॉजी के जरिए DART को प्रयोग करने का एक अच्छा मौका है। इस मिशन को नवंबर 2021 में लॉन्च किया गया था। स्पेस फैंस इस ऐतिहासिक घटना को लाइव देख सकेंगे। इसे भारतीय समय के अनुसार 27 सितंबर को सुबह 3 बजकर 30 मिनट पर NASA TV पर देखा जा सकता है।

500 किलोग्राम वजन वाले DART स्पेसक्राफ्ट को एक एस्टेरॉयड सिस्टम से क्रैश किया जाएगा। इस उल्का पिंड का नाम डिडीमॉस और इसके सैटेलाइट का नाम डिमोरफोस है। डिमोरफोस 11 घंटे और 55 मिनट में डिडीमॉस का एक चक्कर लगाता है। डिडीमॉस का आकार 2,560 फीट और डिमोरफोस का आकार 525 फीट है।