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बिहार चुनाव को लेकर सस्पेंस खत्म

नयी दिल्ली देश इस वक्त महामारी के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सवाल उठ रहे थे कि क्या इस मुश्किल घड़ी में चुनाव होंगे, क्या चुनाव आयोग इसे बढ़ाकर अगले साल करेगा,यहां तक कि विपक्षी दल भी यही मांग उठा रहे थे, इन्हीं पर आज चुनाव आयोग ने बड़ा बयान दिया है, जिससे साफ हो गया है कि बिहार में चुनाव का क्या होगा बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्ष मांग कर रहा है कि स्थिति को देखते हुए अभी चुनाव नहीं कराए जाने चाहिए. राष्ट्रीय जनता दल और लोक जनशक्ति पार्टी सहित बिहार के अन्य राजनीतिक दलों ने राज्य में चुनाव को स्थगित करने के लिए मतदान पैनल से आग्रह किया था. एलजेपी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा था कि इस समय चुनाव कराकर लाखों लोगों की जान जोखिम में डालना उचित नहीं है. इस मांग को नकारते हुए आज चुनाव आयोग ने साफ कर दिया कि बिहार में चुनाव तय समय पर होंगे, पोलिंग पैनल स्थिति को ध्यान में रखते हुए तैयारियां कर रहा है.मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि चुनाव के दौरान सामाजिक दूरी का ख्याल रखा जाए इसके लिए एक बूथ पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या एक हजार तय कर दी गई हैं, जबकि अभी ये आंकड़ा 1500 है. बिहार के मुख्य चुनाव आयुक्त ने राज्य के लिए 33,797 अतिरिक्त पोलिंग बूथ बनाने का फैसला किया है. इसकी वजह से बिहार में एक बूथ पर औसत वोटरों की संख्या 985 से घटकर 678 हो जाएगी. इसके अलावा बिहार को अलग से ईवीएम और वीवीपैट मुहैया कराए गए हैं. अब चुनाव आयोग ने तो साफ कर दिया कि वोटिंग प्रक्रिया को आगे नहीं टाला जाएगा, ऐसे में माना जा रहा है कि आयोग कभी भी तारीखों की घोषणा कर देगा. आपको बता दें कि बिहार में वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो जाएगा। राज्य में 28 नवंबर तक चुनाव प्रक्रिया पूरी नहीं होने पर राष्ट्रपति शासन लग जाएगा. अब देखना होगा कि आयोग बिहार विधानसभा चुनाव की रणभेरी कब तक बजाता है.