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success : एसआरएचयू के स्टूडेंट्स को मिला 25 लाख का पैकेज….

नई दिल्ली। success : एसआरएचयू के स्टूडेंट्स को मिला 25 लाख का पैकेज…. स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय यानी एसआरएचयू जालीग्रांट स्वास्थ्य, शिक्षा व संगम स्थली के रूप में जाना-माना और प्रतिष्ठित संस्थान है। इस विश्वविद्यालय की प्रायोजित संस्था हिमालयन इंस्टिट्यूट हास्पिटल ट्रस्ट (एचआईएचटी) के संस्थापक डा. स्वामी राम का उत्तराखंड के वंचित लोगों के लिए बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर एक वर्ल्ड फेमस संस्थान बनाने का सपना था। वर्ष 1989 में गढ़वाल हिमालय की घाटी में एचआईएचटी की स्थापन के साथ उनका ये सपना साकार हुआ।

success : इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट के लिए बेहतरीन कालेज

साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने के उद्देश्य से वर्ष 1990 और 1994 में क्रमशः रूलर डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट और हिमालयन हास्पिटल जालीग्रांट का भी निर्माण इन्होंने करवाया। इसके अलावा प्रदेश में डाक्टरों की कमी को देखते हुए यहां पर 1995 में स्वामी राम जी ने मेडिकल की स्थापना भी की। वर्ष 1996 में डा. स्वामी राम ब्रह्मलीन हो गए। इसके बाद भी उनके सपनों को साकार करने की कड़ी में वर्ष 2007 में कैंसर रोगियों के लिए बेहतरीन कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट बनवाया गया।

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साथ ही वर्ष 2013 में शिक्षा जगत में स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (यूजीसी अधिनियम 1956 की धारा 2 (एफ) के अंतर्गत स्थापित एवं उत्तराखंड अधिनियम संख्या 12, वर्ष 2013 द्वारा अधिनियमित) की स्थापना की गई। इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, योगा, बायो साइंस सहित नर्सिंग व मेडिकल कालेज वर्ष 2013 में शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय स्थापना की गई।

इसके तहत हिमालयन इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (एचआईएमएस), हिमालयन कालेज आफ नर्सिंग (एचसीएन), हिमालयन स्कूल आफ बायो साइंसेस (एचएसबीएस), हिमालयन स्कूल आफ योगा साइंस (एचएसवाईएस), हिमालयन स्कूल आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी (एचएसएसटी) व हिमालयन स्कूल आफ मैनेजमेंट स्टडीज (एचएसएमएस), हिमालयन स्कूल आफ वोकेशनल स्टडीज एंड स्किल डेवलेमपमेंट (एचएसवीएसएसडी) सहित पौड़ी जिले के ये हैं एसआरएचयू की खासियतरू यह कैंपस 200 एकड़ में फैला हुआ है।

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साथ ही अमेरिका की स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की रिपोर्ट के अनुसार 2 फीसदी वैज्ञानिकों में यहां के भी दो वैज्ञानिक शामिल है। -यहां के स्टूडेंट्स के प्लेसमेंट के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की 200 कंपनियां जुड़ी हुई है। हाल ही में कोरोना काल के समय ही इस यूनिवर्सिटी के बच्चों को 25 लाख का सबसे बड़ा पैकेज मिला है। एसआरएचयू का 70 से ज्यादा नेशनल और इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट्स के साथ पार्टनरशिप है।

success : कैंपस में 100 कोर्सेस के लिए 100 से ज्यादा लैब सुविधा मौजूद हैं।

उत्तराखंड राज्य का पहला एनएबीएच सर्टीफाइड 1200 बेड का प्राइवेट टीचिंग अस्पताल भी यहीं है। -इस यूनिवर्सिटी के करीब 11 हजार एल्युमिनाई हैं, जो इंटरनेशनल लेवल तक फैले हैं। -एसआरएचयू के दीक्षांत समारोह में देश के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति तक भी शामिल होकर इसकी शोभा बढ़ा चुके हैं। राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभा रहा है।

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इससे प्रभावित होकर देश की तमाम गणमान्य शख्सियत बतौर अतिथि शामिल होकर विश्वविद्यालय में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की शोभा बढ़ा चुके हैं। प्रथम दीक्षांत समारोह में तत्कालीन राष्ट्रपति डा. प्रणब मुखर्जी जबकि द्वितीय दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने भी बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इसी कड़ी में तृतीय दीक्षांत समारोह में तत्कालीन राज्यपाल बेबी रानी मौर्या व चतुर्थ दीक्षांत समारोह में तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक शामिल हुए थे।