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  (इमरान मसूद)
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तो जयंत चौधरी का हाथ थामेंगे इमरान मसूद?  (इमरान मसूद)

मेरठ. हाल ही में बसपा से निष्कासित किए गए इमरान मसूद  (इमरान मसूद) क्या रालोद ज्वाइऩ करेंगे? आजकल सियासी गलियारों में इसे लेकर चर्चाओं का बाज़ार गर्म हैं. कहा जा रहा है कि रालोद के आगामी भाईचारा सद्भावना सम्मेलन में जयंत और इमरान मंच शेयर कर सकते हैं. रालोद के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि अगर इमरान मसूद उनकी पार्टी में आते हैं तो यकीनन इसका फायदा होगा लेकिन आखिरी फैसला जयंत चौधरी लेंगे. रालोद के एक नेता तो इमरान मसूद के बारे में बात करते करते उनके दादा परदादा तक चले जाते हैं. और कहते हैं कि इमरान का पूरा परिवार ही हमेशा चौधरी चरण सिंह के आदर्शों के साथ रहा है.

रालोद के राष्ट्रीय सचिव राजकुमार सांगवान का कहना है कि इमरान मसूद का परिवार चौधरी चरण सिंह को मानने वाला परिवार है. चौधरी अजित सिंह को भी मानने वाला ये परिवार है. वो कहते हैं कि इमरान मसूद का भी मन इसी विचारधारा में काम करने का है. वो कहते हैं कि जब वो आएंगे तो भाईचारा और मज़बूत होगा. रालोद के ज़िलाध्यक्ष मतलूब गौड़ का कहना है कि पार्टी आलाकमान इमरान मसूद को लेकर फैसला लेगा. वो कहते हैं कि अगर इमरान मसूद रालोद से जुड़ते हैं तो पार्टी को फायदा होगा. वो बताते हैं कि इससे पहले भी भाईचारा सम्मेलन हुआ है अब 16 सितम्बर को एक बार फिर सद्भावना भाईचारा सम्मेलन होने जा रहा है. 16 सितम्बर से पहले रालोद संगठन की एक बडी़ बैठक 11 सितम्बर को ग्रेटर नोएडा में होने जा रही है. जिस पर विभिन्न बातों पर मंथन किया जाएगा.

इधर आगामी 16 सितंबर को जनपद मेरठ के प्यारेलाल स्मारक में होने वाले रालोद के सद्भावना सम्मेलन की तैयारी को लेकर बैठक हुई. बैठक को संबोधित करते हुए विधायक सिवालखास गुलाम मोहम्मद ने कहा चौधरी जयंत सिंह यहां सर्व समाज को संबोधित करने वाले हैं, जिससे यह संदेश समस्त उत्तर प्रदेश के साथ-साथ समस्त भारत में जाएगा कि राष्ट्रीय लोकदल सर्व समाज को साथ लेकर चलने वाली पार्टी है. पूर्व विधायक विनोद हरित ने कहा है कि राष्ट्रीय लोक दल एकमात्र पार्टी है जो सर्व समाज का ख्याल रखती है. खासतौर से दलित समाज आज अपने आप को दूसरी पार्टियों में थका महसूस कर रहा है. इसलिए दलित समाज के सभी संभ्रांत लोग राष्ट्रीय लोकदल की ओर देख रहे हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष (महिला प्रकोष्ठ) मनीषा अहलावत ने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल महिलाओं का मान-सम्मान हमेशा से रखता आया है, इसलिए प्रत्येक महिला की जिम्मेदारी है कि वह अपनी भागीदारी को सुनिश्चित करें.