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2 घंटे तक मौत की नींद सोया… फिर हो गया जिंदा( alive)

वॉशिंगटन. संयुक्‍त राज्‍य अमेर‍िका के साउथ सेंट्रल र‍ीजन के टेक्‍सास में एक बड़ा ही हैरान और आश्‍चर्यचक‍ित करने वाला मामला सामने आया है. डॉक्‍टरों ने एक 16-वर्षीय किशोर को इलाज के दौरान मृत घोषित कर द‍िया गया था. लेक‍िन मृत घोष‍ित होने के करीब 2 घंटे बाद ही क‍िशोर जीवित ( alive) हो गया. इसको लेकर पर‍िजन और डॉक्‍टर्स सभी बेहद हैरान हैं और उन्होंने इसको चमत्‍कार बताया.
जिम में रॉक क्लाइंबिंग के दौरान कार्डियक अरेस्ट होने के बाद सैमी बेरको नामक लड़के को गत 7 जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया था. सैमी बेरको को बचाने के ल‍िए जिम स्टाफ, आपातकालीन कर्मियों और अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा बिना रुके सीपीआर दिया गया. लेक‍िन दो घंटे बाद अस्पताल के कर्मचारियों ने उनके परिवार को उसके मृत होने की दु:खद खबर दी थी. लेक‍िन उसके मृत घोष‍ित होने के बाद कुछ घंटों में उसके जीवत होने का अहसास स्‍क्रीन पर देखा गया. लड़के की मां ने कहा, “उसके दिल की धड़कन को (स्क्रीन पर) देखने के अहसास के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं.”

डॉक्‍टर्स भी हैं आश्चर्यचक‍ित
सैमी की मां जे‍न‍िफर बेरको का कहना है क‍ि डॉक्‍टरों की घोषणा के बाद उसको अंत‍िम व‍िदाई देने का साहस जुटा रहे थे. तभी उनके पति ने देखा कि सैमी ह‍िलडुल रहा था. इसके बाद किशोर को जिंदा देखकर डॉक्‍टर्स भी काफी आश्चर्यचक‍ित हैं. बेरको ने कहा क‍ि उनमें से हर कोई हमारे पास आया और कहा क‍ि अपनी जिंदगी में पहले उन्‍होंने कभी भी ऐसा नहीं देखा. जे‍न‍िफर ने कहा क‍ि उसकी द‍िल के धड़कनों को देखकर वह अहसास हो रहा था ज‍िसको व्‍यक्‍त करने का कोई शब्‍द नहीं थे. हम सब यह बस वहीं खड़े होकर देखते रहे. उनको स‍िर्फ यही लगा क‍ि वो ही इस सबको बना सकता है.

थोड़ी देर के लिए चली गई थी याददाश्‍त
आउटलेट की र‍िपोर्ट के मुताब‍िक लड़के का मस्तिष्क कम से कम पांच मिनट के लिए ऑक्सीजन से वंचित था, जिसके परिणामस्वरूप उसने अल्‍पकाल के ल‍िए अपनी याददाश्‍त खो दी. इसके अतिरिक्त, वह एक इस्केमिक रीढ़ की चोट से ठीक हो रहा है. बताया जाता है क‍ि वह जिस चट्टान पर चढ़ रहा था, उससे नीचे उतरने के दौरान वह अचेत हो गया था.

डॉक्टर ने केआरआईवी से बातचीत के दौरान कहा क‍ि हम यहां हर समय बच्चों को देखते हैं जिनके पास सीपीआर था. लेकिन बहुत लंबे सीपीआर के चलते आम तौर पर बहुत गंभीर वैश्विक एनोक्सिक मस्तिष्क की चोट को देखते हैं, इसलिए मेरे लिए यह एक चमत्कार है.

आनुवंशिक विकार की वजह से हुई यह घटना
माता-पिता ने कहा कि सैमी की घटना एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार की वजह से हुई थी. साल 2020 में उनके छोटे बेटे फ्रेंकी की भी कैटेकोलामाइनर्जिक पॉलीमॉर्फिक वेंट्रिकुलर टैचीकार्डिया के कारण मौत हो गई थी.
फ्रेंकी की मृत्यु सिर की चोटों के परिणामस्वरूप मिरगी के कई दौरों के कारण हुई थी. म‍िर्गी के आख‍िरी दौरे के दौरान प‍िता ने उसको सीपीआर देने का प्रयास किया था लेक‍िन वो बेटे को बचा पाने में नाकामयाब रहे थे. सैमी के भी दुर्लभ आनुवंशिक विकार से ग्रस‍ित होने की सबसे ज्‍यादा आशंका जताई गई है.