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(spurious liquor)
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जहरीली शराब (spurious liquor)कांड की जांच अब एसआईटी करेगी

पटना. जहरीली शराब पर मचे हाहाकार के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार शाम जनता दल (यूनाइटेड) विधायक दल की बैठक ली. इस बैठक में उन्होंने विधायकों से पूछा, क्या शराब बंदी खत्म करे दें?’ इस पर सभी विधायकों ने एक सुर में कहा कि किसी भी कीमत पर शराब बंदी खत्म नहीं करनी चाहिए. गौरतलब है कि छपरा में पिछले 48 घंटे के अंदर जहरीली शराब  (spurious liquor) ने हाहाकार मचा दिया है. जहरीली शराब पीने से अधिकारिक रूप से 30 लोगों की मौत हो गई है. जबकि, यह आंकड़ा 40 से भी अधिक बताया जा रहा है. इस वजह से अब इस कांड की जांच एसआईटी करेगी.

इसके लिए तीन डीएसपी और 31 पुलिसकर्मियों की एक विशेष टीम का गठन किया गया है. इस टीम को नेतृत्व एसपी करेंगे. घटना के बारे में डीएम सारण राजेश मीणा ने बताया कि सदर अस्पताल छपरा 27 और पटना में 3 शवों का पोस्टमॉर्टम किया जा चुका है. डीएम सारण ने बताया कि इस कांड में एसडीपीओ मढ़ौरा अनुमंडल इंद्रजीत बैठा की लापरवाही सामने आई है. उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के साथ उनके स्थानांतरण की अनुशंसा की गई है, जबकि मशरक थानाध्यक्ष रितेश कुमार मिश्रा और चौकीदार विकेश तिवारी को कर्तव्यहीनता के आरोप में निलंबित कर दिया गया है.

एसआईटी में तीन डीएसपी और 31 पुलिस पदाधिकारी
जानकारी के मुताबिक, इसुआपुर और मशरक थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. एसआईटी टीम का नेतृत्व एएसपी सह-एसडीपीओ सोनपुर अंजनी कुमार को सौंपी गई है. एसआईटी में तीन पुलिस डीएसपी और 31 पुलिस पदाधिकारियों को शामिल किया गया है. इस बीच पुलिस ने जिले के सभी थानों में जब्त स्प्रिट की जांच शुरू कर दी गई है. खासकर, मशरक थाने में जब्त किए गए स्प्रिट के सैंपल को जांच के लिए लेबोरेटरी भेजा गया है.

जांचकर्ताओं को इस बात की आशंका
जांचकर्ताओं को आशंका है कि थाने से शराब चुराकर बाहर बेची गई. इस वजह से यह दर्दनाक घटना हुई. इस मामले में थाने के कुछ पुलिसकर्मियों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है. इसके बाद पुलिस की स्पेशल टीम ने कई जगह छापेमारी की. पिछले 48 घंटे में 126 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि 2000 लीटर अधिक शराब को नष्ट किया गया है.