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हत्या के मामले में गवाहों की गवाही नहीं करा रहे थे SHO घिरोर, उच्च न्यायालय ने किया तलब

मैनपुरी – ( रामजी लाल गोस्वामी) – अनुसूचित जाति के युवक की हत्या के मुकदमे में गवाहों की गवाही नहीं कराने पर थानाध्यक्ष घिरोर को उच्च न्यायालय प्रयागराज में तलब किया गया है। आरोपी की याचिका पर 18 मई को सुनवाई होगी। हत्या का मुकदमा सपेशल जज एससी/एसटी एक्ट चंपत सिंह के न्यायालय में चल रहा है।

थाना घिरोर के पचावर निवासी राजवीर सिंह जाटव की हत्या खेत पर सोते समय दस सितंबर 2019 की रात को 12.30 बजे कर दी गई थी। हत्या की रिपोर्ट राजवीर के भाई रमेशचंद्र ने गांव के ही घनश्याम उर्फ राहुल, पंकज उर्फ खुटकई के खिलाफ दर्ज कराई थी। पुलिस जांच करके चार्जशीट कोर्ट में भेज चुकी है। पंकज की न्यायालय से जमानत हो चुकी है। घनश्याम जेल में बंद चल रहा है

मुकदमे में पुलिस अभियोजन पक्ष की गवाही नहीं करा सकी। घनश्याम ने जमानत पाने के लिए उच्च न्यायालय में आवेदन किया। पुलिस की लापरवाही को देखते हुए उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने घनश्याम को जमानत दे दी। लापरवाही बरतने पर थानाध्यक्ष घिरोर नरेंद्र पाल सिंह को तलब किया है। आरोपी घनश्याम की याचिका पर सुनवाई के लिए 18 मई की तारीख तय कर दी है।

एसपी से मांगा गया शपथपत्र – उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने घनश्याम की याचिका पर एसपी से शपथ पत्र मांगा है। एसपी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर न्यायालय में 18 मई को शपथपत्र देने को कहा है कि लापरवाही बरतने वाले थानाध्यक्ष के खिलाफ अभी तक इस संबंध में क्या कार्रवाई की गई है।

पुलिस की लापरवाही से हो रही देरी – आरोपी के वकील मुकेश बाबू शर्मा ने बताया कि पुलिस की लापरवाही से मुकदमे के निस्तारण में देरी हो रही है। मुकदमा साढ़े तीन साल पुराना है। पुलिस की लापरवाही के कारण आरेापी को भी कई महीनों बाद ही जमानत मिल सकी है।