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S Jaishankar
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एस जयशंकर, डेरेक ओ’ब्रायन, साकेत गोखले निर्विरोध

नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर(S Jaishankar)  समेत बीजेपी के तीनों उम्मीदवार गुजरात से निर्विरोध राज्यसभा पहुंच गए हैं. विदेश मंत्री जयशंकर के अलावा केसरीदेव सिंह झाला और बाबू देसाई और तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन, साकेत गोखले समेत कुछ 11 नेताओं का राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना जाना पहले से तय माना जा रहा था. गुजरात विधानसभा में पर्याप्त संख्याबल नहीं होने से कांग्रेस किसी भी उम्मीदवार को खड़ा रखने की स्थिति में नहीं थी और इसी कारण बीजेपी के तीनों उम्मीदवारों का निर्विरोध चुने जाने का रास्ता साफ हो गया.
उधर पश्चिम बंगाल में डेरेक-ओ-ब्रायन समेत टीएमसी के छह उम्मीदवार और बीजेपी के एक उम्मीदवार को निर्विरोध चुना गया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 10 जुलाई को राज्यसभा के लिए नामांकन किया था. गुजरात के तीनों सदस्यों का कार्यकाल 18 अगस्त को समाप्त हो रहा था. निर्विरोध निर्वाचन के बाद बीजेपी के सदस्यों की संख्या अब राज्यसभा में 93 हो गई है.

तृणमूल कांग्रेस के 6 नेता निर्विरोध राज्यसभा पहुंचे
24 जुलाई को पश्चिम बंगाल में 6, गुजरात में तीन और गोवा में एक सीट के लिए वोटिंग होनी थी. सोमवार (17 जुलाई) को चुनाव से नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन था. इसी के साथ तृणमूल कांग्रेस के 6 और भाजपा के 5 उम्मीदवारों के निर्विरोध राज्यसभा पहुंचने का रास्ता साफ हो गया. तृणमूल ने पश्चिम बंगाल में राज्यसभा की एक सीट पर हुए उपचुनाव में भी जीत दर्ज की है.

कांग्रेस को हुआ एक सीट का नुकसान
भाजपा ने गुजरात से बाबूभाई देसाई और केसरीदेव सिंह झाला, पश्चिम बंगाल से अनंत महाराज और गोवा से सदानंद शेट तानावड़े को उम्मीदवार बनाया है. डेरेक ओ ब्रायन के अलावा तृणमूल कांग्रेस के अन्य नेता सुखेंदु शेखर रॉय, डोला सेन, साकेत गोखले, समीरुल इस्लाम और प्रकाश बारिक निर्विरोध चुने गए हैं. कांग्रेस को एक सीट का नुकसान हुआ है और राज्यसभा में उसके 30 सदस्य रह जाएंगे.
अभी भी बहुमत से दूर है बीजेपी
245 सदस्यीय राज्यसभा में सात सीटें 24 जुलाई के बाद खाली हो जाएंगी. जम्मू-कश्मीर में चार सीटें, दो नामित और उत्तर प्रदेश में एक खाली सीट के साथ राज्यसभा में कुल सीटें घटकर 238 रह जाएंगी और बहुमत का आंकड़ा 120 हो जाएगा. भाजपा और उसके सहयोगियों के पास 105 सदस्य होंगे. भाजपा को पांच मनोनीत और दो निर्दलीय सांसदों का समर्थन मिलना भी तय है. इसलिए सरकार के पक्ष में सदस्यों की संख्या 112 हो जाएगी, जो बहुमत के आंकड़े से आठ कम है.