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(crack in the party)

चुनाव से पहले ही पार्टी में दरार

नई दिल्ली । कांग्रेस (crack in the party) में अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले ही पार्टी में दरार (crack in the party) दिखने लगी है। पार्टी के कई सीनियर नेता इस पर अपनी अलग-अलग राय दे रहे हैं। अब कांग्रेस के 5 सांसदों ने पार्टी के सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी (CEA) के चीफ मधुसूदन मिस्त्री को लेटर लिखा है। इन सांसदों ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए निष्पक्ष चुनाव न होने को लेकर आशंका जताई है। उन्होंने मिस्त्री से अपील की है कि वोटिंग में हिस्सा लेने वाले और संभावित उम्मीदवारों के नामांकन की प्रक्रिया शुरु होने से पहले कांग्रेस कमेटी के डेलीगेट की लिस्ट उपलब्ध करवाई जाए।

उन्होंने कहा था कि निष्पक्ष चुनाव की पहली शर्त है कि वोटरों के नाम पते सामने लाए जाएं। पार्टी नेता शशि थरूर और कार्ति चिदंबरम भी इस मसले पर अपनी बात चुके हैं। लेटर में सांसदों ने पार्टी अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया को लेकर चिंता व्यक्त की है। सांसदों में मनीष तिवारी, शशि थरूर, कार्ति चिदंबरम, प्रद्युत बोरदोलोई, अब्दुल खलीक का नाम शामिल है।CEA ने मधुसूदन मिस्त्री से आग्रह किया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के निर्वाचक मंडल की लिस्ट वोटिंग में हिस्सा लेने वालों और संभावित उम्मीदवारों को दी जाए।

इससे पहले भी कांग्रेस के सीनियर लीडर और जी-23 के असंतुष्ट नेताओं के मेंबर मनीष तिवारी ने कांग्रेस संगठन चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था कि वोटिंग लिस्ट के बिना कांग्रेस अध्यक्ष पद के निष्पक्ष चुनाव कैसे होंगे? उन्होंने मांग की कि निष्पक्ष चुनाव के लिए पार्टी के वोटर का नाम-पता पब्लिश किया जाना चाहिए। लेटर में यह भी कहा गया कि मतदाताओं और उम्मीदवारों से सभी 28 PCC और नौ केंद्र शासित प्रदेशों में वोटर लिस्ट वेरिफाइ करने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। निर्वाचक मंडल में शामिल PCC प्रतिनिधियों की सूची निर्वाचकों को उपलब्ध कराने से उम्मीदवार किसी भी तरह की गैरजरूरी मनमानी को दूर कर सकेंगे।