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(critical zone)

क्रिटकल जोन के 40 कॉलम की मरम्मत और रेट्रोफिटिंग का काम शुरू

नोएडा । रियल (critical zone) एस्टेट डेवलपर सुपरटेक ने एमराल्ड कोर्ट (critical zone) के बेसमेंट में कॉलम और पिलर की मरम्मत और रेट्रोफिटिंग का काम नोएडा की एक कंपनी रसम इंजीनियर्स को दिया है। दरअसल, सुपरटेक एमराल्ड की आरडब्ल्यूए ने ही बेसमेंट का दिल्ली की कंपनी डी एंड आर कंसल्टेंट द्वारा स्ट्रक्चरल ऑडिट कराया था।

स्ट्रक्चरल ऑडिट करने वाली कंपनी ने मजबूती के लिए माइक्रो कार्बन, माइक्रो कंक्रीटिंग और जैकेटिंग सहित तीन प्रकार की तकनीक का सुझाव दिया है। इनमें से अधिकांश एस्पायर 1, एस्टर 2 और 3 व कुछ कॉलम ऐसे भी हैं जो गैर-टॉवर क्षेत्र में भी हैं। जिसमें 500 कॉलम की स्थिति नाजुक बताई गई।

इसमें से सुपरटेक 40 कॉलम की मरम्मत करवा रहा है। दिल्ली स्थित डी एंड आर कंसल्टेंट द्वारा किए गए ऑडिट से पता चला कि स्ट्रक्चरल ड्राइंग के विपरीत, जिसमें बेसमेंट कॉलम का डिज़ाइन एम -15 ग्रेड कंक्रीट होना चाहिए। लेकिन यहां कई बेसमेंट कॉलम की ताकत एम 8-, एम-10, एम-12, एम-13 के आसपास थी।

जोकि सियान और एपेक्स से 50 मीटर की दूरी पर है। दोनों टावरों को गिराने का स्टेटस क्या है। इसकी एक रिपोर्ट आज सुप्रीम कोर्ट में जमा की जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर सुपरटेक ने ट्विन टावर्स के किनारे से क्रिटिकल जोन के 50 मीटर के दायरे में आने वाले कॉलम की मरम्मत करने का फैसला किया है। अधिकारियों ने बताया कि रसम इंजीनियर्स ने यहां पहले ही मैनपावर को लगाकर काम शुरू करवा दिया है।