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(rapid rail)

रैपिड रेल के कारण वेस्ट यूपी के रियल स्टेट में बूम

मेरठ । दिल्ली (rapid rail) से मेरठ की दूरी कम करने वाली रैपिड रेल (rapid rail) के कारण वेस्ट यूपी के रियल स्टेट में भी बूम आएगा। यहां जमीनों के दाम बढ़ने के साथ उनका लैंड यूज भी बदलेगा। यहां TOD नीति टीओडी “प्रभाव क्षेत्र” कहलाएगी, जहां होरिजोंटल डेवलपमेंट बढ़ेगा। TOD नीति का प्रभाव क्षेत्र गाजियाबाद से मोदीनगर तक होगा। गाजियाबाद के ट्रांस-हिंडन तक का इलाका पहले ही गगनचुंबी इमारतों से घिरा है।

बेस एफएआर, जो कि किसी विशेष प्लॉट पर अनुमत कुल बिल्ट-अप एरिया है, को TOD जोन के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में बढ़ाया जाएगा, बेस एफएआर वर्तमान में 1.5 है। TOD नीति केंद्र सरकार की ओर से राज्यों के लिए 2017 में ब्लूप्रिंट के रूप में पेश की गई।

यह दरअसल मेट्रो, बीआरटीएस और RRTS जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क के आसपास के लिए है। यूपी सरकार ने रैपिड रेल कॉरिडोर के पास डेढ़ किमी के दायरे को TOD यानि ट्रांजिट ओरिएंटेड डवलपमेंट नीति के तहत विकसित करने की मंजूरी दे दी है।

गाजियाबाद, मोदीनगर, साहिबाबाद, मेरठ, गुलधर, दुहाई का इलाका विशेष तौर पर इस नीति के अंतर्गत आएगा। मुरादनगर, मोदीनगर, गुलधर और दुहाई में आरआरटीएस कॉरिडोर में और उसके आसपास भूमि उपयोग ( लैंड यूज ) मुख्य रूप से कृषि है। टीओडी नीति के तहत इसे रेजिडेंशियल, कमर्शियल और मिश्रित उपयोग में बदला जाएगा। स्टेशनों के दोनों तरफ के इलाकों का महत्व बढ़ जाएगा।