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(राम सिंह ) 
(राम सिंह ) 

राम सिंह (राम सिंह ) ने बताया कैसे बची उसकी जान

शिमला. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के समर हिल इलाके में भूस्खलन के कारण मंदिर ढहने की दुखद घटना में जीवित बचे एकमात्र व्यक्ति ने गुरुवार को अपना भयावह अनुभव सुनाया. जिंदा बचे राम सिंह ने(राम सिंह )  कहा कि जब यह घटना घटी तो वह शिव बाड़ी मंदिर के ठीक बगल में एक घर में सो रहे थे. उन्होंने कहा, ‘घटना के समय मैं टॉप फ्लोर पर था. मैंने मदद के लिए आवाज लगाई, फिर लोग उन्हें बचाने के लिए आए और इस तरह से उनकी जान बची.’

राम सिंह ने कहा, “मैं मंदिर के पास एक घर में सो रहा था. जैसे ही मैं उठा, अचानक तेज आवाज हुई और उसके ठीक बाद मेरे ऊपर कुछ गिरा और मैं मलबे के नीचे था. मैं मदद के लिए चिल्लाया और लोग मुझे बचाने के लिए आए. हमारे पास जो पैसा था वह सब घटना के दौरान नष्ट हो गया.” उन्होंने राज्य सरकार से अतिरिक्त सहायता का अनुरोध किया है क्योंकि आपदा ने उनकी सारी बचत उनसे छीन ली और उन्हें अभी भी चोटें आई हैं.

“मुझे पेट के हिस्सा में चोटें आई हैं और मुझे सरकार से अतिरिक्त मदद की ज़रूरत है. मैंने जो भी पैसा बचाया था वह ख़त्म हो गया. जब भूस्खलन के बाद पेड़ गिरा तो मंदिर ढह गया और हम मलबे में दब गए. फिर मैंने मदद के लिए चिल्लाया.” राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने गुरुवार को कहा कि इस सप्ताह की शुरुआत में शिमला के समर हिल इलाके में भारी भूस्खलन के बाद लापता हुए 21 लोगों में से कुल 13 शव बरामद कर लिए गए हैं.
इससे पहले बारिश से प्रभावित शिमला जिले के समर हिल इलाके में सोमवार को बादल फटने से हुए भूस्खलन के बाद एक मंदिर ढहने की घटना में एक परिवार ने अपनी तीन पीढ़ियों के सदस्यों को खो दिया था. अधिकारियों के अनुसार, जब शिव मंदिर ढहा, तब तीन बच्चों सहित परिवार के सात सदस्य अंदर हवन कर रहे थे.

इस बीच, भारतीय वायु सेना के अधिकारियों ने बुधवार को जानकारी दी कि पश्चिमी वायु कमान के हेलिकॉप्टरों ने पिछले 48 घंटों में 50 से अधिक उड़ानें भरीं, जिससे हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों में 780 से अधिक नागरिकों को बचाया गया.