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Punjab Cabinet : एक विधायक एक पेंशन की अधिसूचना भी मंजूर?

चंडीगढ़। Punjab Cabinet : एक विधायक एक पेंशन की अधिसूचना भी मंजूर? पंजाब सरकार की दूसरी कैबिनेट बैठक सोमवार को चंडीगढ़ में हुई। कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। कैबिनेट में विभिन्न विभागों के 26 हजार 454 पदों को स्वीकृति दे दी है। वहीं एक विधायक एक पेंशन की अधिसूचना को भी मंजूरी दे दी गई है। इसके अलावा घर-घर राशन वितरण योजना की स्वीकृति (1 अक्तूबर से आटा विकल्प) भी मंजूर कर लिया गया है।

Punjab Cabinet : विभिन्न विभागों के 26 हजार 454 पदों को मिली स्वीकृति

मुक्तसर जिले में कपास की फसल खराब होने की स्थिति में 41.89 करोड़ मुआवजा स्वीकृत किया गया है। इसमें 38.08 करोड़ किसानों के लिए और 03.81 करोड़ खेत मजदूरों के लिए है। छोटे ट्रांसपोर्टरों के लिए शुल्क जमा करने की समय सीमा को बढ़ाकर तीन महीने कर दिया गया है।

Punjab Cabinet : किश्तों में शुल्क का भुगतान किया जा सकता है

किश्तों में शुल्क का भुगतान किया जा सकता है। इससे पहले रविवार को मान सरकार ने साफ किया कि राज्य के 117 विधायकों को अब अपना आयकर खुद भरना होगा। कैबिनेट में इस फैसले पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी। इससे हर साल सरकारी खजाने से करीब 70 लाख रुपये की बचत होगी। आम आदमी पार्टी (आप) जब विपक्ष में थी तो सरकारी खजाने से विधायकों के आयकर भरे जाने पर जमकर विरोध किया था।

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चुनाव से पहले पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और अन्य दूसरे नेताओं ने घोषणा की थी कि पंजाब में जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी तो वह सरकारी खजाने से किए जाने वाले ऐसे खर्चों पर लगाम लगाएगी। सरकार बनते ही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सरकारी खजाने पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ को कम करने के फैसले लेना शुरू कर दिया है।

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अभी तक की पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में विधायकों के आयकर का भुगतान सरकारी खजाने से किया जाता था। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी विधायकों से खुद आयकर भरने की अपील थी, लेकिन किसी भी विधायक ने इसको गंभीरता से नहीं लिया और सरकार के खाते से विधायकों का आयकर भरा जाता रहा। केवल दो विधायक कुलजीत सिंह नागरा और सुखपाल सिंह खैरा की ओर से आयकर खुद भरा गया।

अब सूबे की नई सरकार इस पर कड़ा फैसला लेने जा रही है

अब सूबे की नई सरकार इस पर कड़ा फैसला लेने जा रही है। मुख्यमंत्री इस फैसले की आज घोषणा करेंगे कि अब विधायक खुद आयकर भरेंगे। इससे सरकार के खजाने पर लगभग 70 लाख रुपये साल की बचत होगी। इससे पहले कैप्टन सरकार के कार्यकाल के दौरान 2.75 करोड़ रुपये विधायकों के आयकर भरने में खर्च किए गए थे।