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(Preparations )
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पंजाब से जम्‍मू तक को सुलगाने(Preparations ) की तैयारी

नई दिल्‍ली. पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर एक बार फिर खालिस्तान आंदोलन को जिंदा कर पंजाब से लेकर जम्‍मू तक को सुलगाने (Preparations ) की तैयारी की जा रही है और वहां एक नया भिंडरावाला पैदा करने की कोशिश की जा रही है. इस बाबत तिहाड़ जेल में बैठे आतंकी नेता जगतार सिंह हवारा के निर्देश पर एक बैठक भी आय़ोजित की गई. इन सूचनाओं के बाद खुफिया एजेंसियोंं के कान खडे़ हो गए हैं और विवादास्पद संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ समेत कुछ सगंठनों और उसके मुखिया को जांच के घेरे में लाया गया है. इसके साथ ही ‘वारिस पंजाब दे’ के मुखिया अमृतपाल के सोर्स आफ फाइनेंस की जांच के आदेश भी दिए गए हैं.

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पंजाब में बनाए गए आंतकी अपराधी गठजोड़ को अपनी सफलता मान रही है और अब वह पंजाब और जम्मू को दहलाने के लिए एक बार फिर खालिस्तान का भूत जिंदा करना चाहती है. इसके तहत उसने अपने संपर्क में रहने वाले सिख आंतकी नेताओं को निर्देश दिए हैं कि खालिस्तान मुद्दे को एक बार जिंदा किया जा सकता है. पंजाब से जम्मू तक आंतकी अपराधी गठजोड़ को एक नया सहयोगी दिया जा सकता है. भारतीय खुफिया एजेंसियों को मिली इस सूचना के बाद तमाम सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को इस बाबत जानकारी एकत्र करने को कहा गया है.

चंडीगढ़ में हुई बैठक में खालिस्‍तान पर हुई चर्चा

खुफिया एजेंसियों की कुछ दिनों पहले हुई बैठक में इस बाबत जुटाई गई जानकारी में अनेक सनसनीखेज खुलासे हुए हैं. दस्तावेजों के मुताबिक तिहाड जेल में बंद कुख्यात आतंकवादी और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंतसिंह के हत्यारे जगतार सिंह हवारा के निर्देश पर चंडीगढ़ में एक बैठक बुलाई गई. इस बैठक में अनेक कट्टरवादी सिख संगठनों ने भाग लिया. इस बैठक में लगभग 100 लोग मौजूद थे और इस में हवारा कमेटी, वारिस पंजाब दे और अकाल यूथ के नेता भी शामिल थे. खुफिया रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा गया है कि इस बैठक में पंजाब सरकार की आलोचना करते हुए खालिस्तान के मुद्दे पर चर्चा हुई .

कट्टरपंथी सिख संगठन को लेकर हो रही है जांच

खुफिया दस्तावेजों के मुताबिक इस मामले में कट्टरपंथी सिख संगठन वारिस पंजाब दे के नए मुखिया अमृतपाल सिंह ने दमदमी टकसाल अमृतसर के एक पूर्व नेता से मुलाकात की थी. यह नेता जम्मू का रहने वाला बताया जाता है. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक यह मुलाकात अकाली दल अमृतसर के मुखिया सांसद सिमरनजीत सिह मान के यहां हुई थी. इस बैठक के दौरान अमृतपाल ने जम्मू में रहने वाले इस नेता से जानना चाहा कि वहां के युवा सिखों की मानसिकता क्या है. उसने अपनी योजना बताते हुए कहा कि वह जम्मू में अपनी जैसी मानसिकता वाले ऐसे युवा सिखों से मुलाकात करना चाहता है जो अपनी जान सिख पंथ के लिए दे सकें.
हिंदूवादी नेता की हत्‍या के बाद पुलिस और खुफिया एजेंसी कर रहीं जांच

दस्तावेजों के मुताबिक वारिस पंजाब दे का यह नया मुखिया रोजाना चार से पांच प्रोग्राम में भाग लेता है जहां वह अपने कट्टरपंथी एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए अन्य संगठनों की आलोचना करता है. अमृतपाल के अनेक ऐसे वीडियो भी सामने आए है जिसमें वह खुद को पंजाब के एक पूर्व विवादस्पद नेता की तरह पेश करता है और इस वीडियो में यह भी साफ तौर पर आया है कि उसके साथ अनेक हथियारबंद लोग मौजूद रहते है जो उसके भाषण के दौरान अपने हथियारों का प्रदर्शन करते नजर आते हैं. अमृतपाल को पिछले दिनों शिवसेना नेता की हत्या के मामले में भी कुछ देर तक नजरबंद किया गया था क्योंकि कथित तौर पर उसका नाम इस हत्या से जोड़ा जा रहा था और आरोप लगाया जा रहा था कि शिवसेना नेता की जिस आरोपी ने हत्या की, उसने अमृतपाल से मुलाकात की थी और अमृत चखा था. पंजाब पुलिस ने इस बाबत अपने अधिकारिक बयान में कहा कि सभी पहलुओं की जांच की जा रही है.

खुफिया दस्तावेजों के मुताबिक पंजाब को खालिस्तान के नाम पर फिर से सुलगाने की कोशिशों को देखते हुए तमाम विवादास्पद संगठनों की जांच करने को कहा गया है. इनमें जहां दमदमी टकसाल से जुडे़ लोगों और उनकी गतिविधियों पर पैनी निगाह रखने को कहा गया है. वहीं, वारिस पंजाब दे के मुखिया अमृतपाल के सोर्स आफ फाइनेंस की जांच समेत उसके सहयोगियों की बाबत भी जांच करने को कहा गया है. बताया जाता है कि अमृतपाल इसके पहले दुबई में ट्रक ड्राइवर के पेशे में था और वह दीप सिद्दू के संगठन से जुड़ा हुआ था. पहले वह कभी कभार दो चार लाइनें लिख देता था लेकिन अचानक वह दुबई से भारत आया और उसे वारिस पंजाब दे का मुखिया बना दिया गया. ऐसे में खुफिया एजेंसियां जानना चाहती हैं कि युवा वर्ग का आइकॉन बनने के लिए उसके पास पैसा कहां से आ रहा है. कौन लोग उसकी फंडिग कर रहे हैं और उसका असली मकसद क्या है? फिलहाल खुफिया एजेंसियों की पूरी कोशिश है कि खालिस्तान के नाम पर पंजाब- जम्मू को सुलगाने का मकसद कामयाब ना हो सके और इसके लिए हर संभव कार्रवाई की जा रही है.