Breaking News
किशनी के इंदरपुर में लोकतन्त्र सेनानी की पत्नी के शव को तिंरगा ओढ़ाते लोग
किशनी के इंदरपुर में लोकतन्त्र सेनानी की पत्नी के शव को तिंरगा ओढ़ाते लोग

लोकतन्त्र सेनानी की पत्नी के निधन पर पुलिस ने दी सलामी !

किशन – थाना क्षेत्र गांव इन्दरपुर सुजानपुर निवासी लोकतन्त्र सेनानी स्व0 रामलाल बाथम की 75 वर्षीय पत्नी राजबती के निधन के बाद अंतिम संस्कार के पूर्व पुलिस ने सलामी दी। लोकतन्त्र सेनानी की पत्नी राजवती के निधन की सूचना पर तहसील से नायब तहसीलदार पुष्पेन्द्र यादव गांव पहुंचे। उन्होंने लेखपाल स्वदेश कुमार के साथ राजवती के पार्थिव शरीर पर तिरंगा उडाया तथा मौजूद पुलिसकर्मियों ने उनको सलामी दी। सभी पुलिसकर्मियों ने एक साथ सलामी देकर बंदूकों को उल्टा कर शोक प्रकट किया। मुखाग्नि से पूर्व पुलिस के जवान ने तिरंगा बडे सम्मान से तह कर उनके सुपुत्र को सौंपा।

लोकतन्त्र सेनानी संघ के प्रदेश महामंत्री अनिलकुमार गुप्ता ने बताया कि 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने चुनाव में हार के बाद देश के लोकतन्त्र को बन्धक बना कर विपक्ष के सारे नेताओं को जेल में ठूंस दिया था। मीडिया पर सेंसरसिप लागू कर दी थी। देश के लोगों को एक तरह से कालकोठरी में बन्द कर दिया था। जेल में लोगों को भयानक यातनायें दी गई। 21 माह तक देश में आपातकाल रहा। इसकेे बाद चुनाव हुये जिसमें काॅग्रेस को हार का सामना करना पडा। प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री रामनरेश यादव ने जेल गये लोगों को लोकतन्त्र का रक्षक करार देते हुये लोकतन्त्र सेनानी नाम दिया।

जब मुलायम सिंह यादव ने प्रदेश की सत्ता संभाली तो उन्होंने लोकतन्त्र सेनानियों के लिये पांच सौ रूपये प्रतिमाह पैंशन की घोषणा करदी जो आज बढकर बीस हजार रूपये प्रति माह होगई है। इस समय जनपद में करीब 78 लोकतन्त्र सेनानी मौजूद है। इस मौके पर रामप्रकाश आचार्य,अवधेस कुमार,रविन्द्रसिंह,सुरज्ञान सिंह,तथा ज्ञानसिंह सहित कई लोग मौजूद रहे।