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(H3N2 virus )
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एच3एन2वायरस (H3N2 virus )से पीड़‍ित मरीजों को पड़ती है ऑक्‍सीजन की जरूरत?

एच3एन2 वायरस: भारत में मौसमी इंफ्लूएंजा के सब टाइप एच3एन2  (H3N2 virus ) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. सीजनल वायरस के बढ़ते मरीजों को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से भी सभी राज्यों को वायरस से निपटने के लिए तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं. नीति आयोग ने अस्पतालों में मैन पावर के साथ ही गंभीर मरीजों के लिए मेडिकल ऑक्सीजनकी व्‍यवस्‍था करने के लिए भी कहा है. वहीं कोविड जैसे लक्षणों और इससे बचाव के लिए उसी प्रकार की एहतियात बरतने की सलाह के चलते लोगों को भी डर सता रहा है लेकिन स्‍वास्‍थ्य विशेषज्ञों की मानें तो इस मौसमी वायरस को लेकर पैनिक करने की जरूरत नहीं है.

नेशनल टैक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्‍यूनाइजेशन के प्रमुख डॉ. एन के अरोड़ा कहते हैं कि यह इन्‍फ्लूएंजा वायरस लगभग हर साल ही लोगों को बीमार करता रहा है. अब चूंकि लोग कोविड को झेल चुके हैं और इसके लक्षण भी कोविड जैसे ही हैं, लिहाजा यह सभी को पता चल रहा है. हालांकि इससे घबराने की जरूरत नहीं है. अगर कोविड वाला व्‍यवहार और जरूरी सावधानियां बरती जाएं तो यह एक सामान्‍य मौसमी फ्लू ही है.

कुछ दिन पहले फ्लू का एचवनएनवन म्‍यूटेंट देखा गया था, जबकि अब इसका नया म्‍यूटेंट एचथ्रीएनटू आया है. यह वायरस हर साल अपना रूप बदलता है. यही वजह है कि इसकी वैक्‍सीन भी हर साल नई ही आती है. नए म्‍यूटेशन को देखते हुए आमतौर पर जुलाई और अगस्‍त के महीने में इस फ्लू की नई वैक्‍सीन आती है, जिसे कोई भी लगवा सकता है और इससे सुरक्षित रह सकता है.

क्‍या मरीजों को पड़ी है ऑक्‍सीजन की जरूरत
इंद्रप्रस्‍थ अपोलो अस्‍पताल के रेस्पिरेटरी विभाग के सीनियर कंसल्‍टेंट डॉ. राजेश चावला कहते हैं कि अभी जो हालात हैं उनमें एचथ्रीएनटू के मरीज तो अस्‍पतालों में दिखाने आ रहे हैं, जिन्‍हें बुखार, खांसी, सिर में दर्द आदि की परेशानियां हैं लेकिन अभी तक इस वायरस का ऐसा शायद ही कोई मरीज आया है जिसे ऑक्‍सीजन की जरूरत पड़ी हो. हां एचवनएनवन फ्लू वायरस के कुछ मरीज जरूर गंभीर देखे गए थे और बेहद कम मामलों में ऑक्‍सीजन की जरूरत भी पड़ी थी. हालांकि कोविड के बाद से लगभग सभी अस्‍पतालों में ऑक्‍सीजन की व्‍यवस्‍था मौजूद है.