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(Pakistan) 
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बदहाल पाकिस्तान(Pakistan)  ने चीन से मंगाई ट्रेन बोगियां निकलीं कबाड़

इस्लामाबाद. आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में रेलवे सेवा भी पूरी तरह से चरमरा गई है. शहबाज शरीफ की सरकार के पास अब इतने भी पैसे नहीं हैं कि वो देश की जनता के लिए रेलवे का संचालन कर सकें. दिलचस्प बात तो ये है कि नकदी की कमी का सामना कर रहे पाकिस्ता(Pakistan)  को उसके ‘सदाबहार दोस्त’ चीन में भी इस बार धोखा दे दिया.

दरअसल, अपनी रेल को फिर से पटरी पर लाने के लिए पाकिस्तान सरकार ने चीन से रेलवे बोगी मंगाए थे, जिनकी कुल कीमत 14 करोड़ 90 लाख डॉलर थी… लेकिन ये ‘मेड इन चाइन’ बोगियां पाकिस्तान की रेलवे लाइन पर चलने में फेल हो गईं हैं और अब चीन से आयात किए गए बोगियों की ताकत और क्वॉलिटी पर सवाल उठ रहे हैं. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने यह जानकारी दी.

चीनी बोगियों से दुर्घटना का भी खतरा
सूत्रों ने पाकिस्तानी अखबार को बताया कि शहबाज शरीफ सरकार को सिर्फ बोगियों को चालू करने के लिए सैकड़ों-हजारों रुपये खर्च करने की जरूरत थी. इसने कहा कि पाकिस्तान रेलवे की स्की लाइन पर रखरखाव का काम किया जा रहा था. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हालांकि, उन्होंने बताया कि अनुचित प्रेशर पाइप के कारण दुर्घटना का खतरा था क्योंकि ऐसी स्थिति में ब्रेक ठीक से काम नहीं करेंगे.’

बोगियों को तकनीकी रूप से किया जा रहा फिट
रेलवे प्रशासन ने इन समस्याओं के समाधान के लिए बोगियों में दो से ढाई इंच पतले पाइप लगाने का काम शुरू किया. पाकिस्तान के अखबार ने कहा कि इन बोगियों में पहले 20 इंच का पाइप लगाया जाता था. पाकिस्तान के चीफ मैकेनिकल इंजीनियर मोहम्मद हसीब ने कहा कि बोगियों को तकनीकी रूप से फिट किया जा रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की यात्रा पर गए करीब 90 अधिकारियों को टाडा के तहत प्रतिदिन 100 अमेरिकी डॉलर मिलते हैं.

सीपीईसी को लेकर पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन
यह खबर ऐसे समय में आई है, जबकि पाकिस्तान में रणनीतिक रूप से अहम माने जाने वाला बंदरगाह शहर ग्वादर में पिछले दिनों तक लगातार सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए. ग्वादर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उस विवादास्पद परियोजना का अंतिम बिंदु है जिस पर भारत ने चीन के समक्ष आपत्ति जताई है. यह गलियारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरेगा.