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(भीख मांगने )
(भीख मांगने )

भीख मांगने में पाकिस्तान ने कर ली पीएचडी(भीख मांगने )

कराची : पाकिस्तान में भिखारियों ने एक शहर पर कब्जा कर लिया है. ये कोई छोटा-मोटा शह नहीं बल्कि पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी है. ये पाकिस्तान का सबसे बड़ा शहर कराची है. जिस पाकिस्तान का पीएम और आर्मी चीफ दुनिया भर में भीख मांगता  (भीख मांगने ) फिरे. वहां ऐसा हो जाए तो कोई हैरानी की बात नहीं है. ये खबर दिखाकर 25 करोड़ पाकिस्तानियों को शर्मिंदा कर सकती है और उन्हें ऐसा करना भी चाहिए.

कराची पहुंच गए 4 लाख भिखारी
कराची में एक-दो-तीन…पांच सौ.. हजार नहीं… कुल चार लाख भिखारी पहुंच गये हैं.. कराची पुलिस का दावा है कि ये प्रोफेशनल भीख मांगने वाले हैं.जो पूरे पाकिस्तान से वहां आए हैं और ईद से पहले वहां के बाजारों और सड़कों पर हाथ फैलाकर बैठे हैं ताकि जनता इनपर दया करके इन्हें कुछ पैसे दे दे.

ये पाकिस्तान के देसी भिखारी हैं. लेकिन पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ भी किसी भिखारी से कम नहीं है. शहबाज़ शरीफ भी बिल्कुल इसी तरह से पैसे और कश्मीर पर समर्थन मांगने सऊदी अरब गए और सऊदी प्रिंस के सामने हाथ बढ़ाया. पर पैसे और सपोर्ट में से कुछ भी नहीं मिला. इसका मतलब ये है कि अब पूरा पाकिस्तान शहबाज़ के स्टाइल की नकल करके मांग रहा है.

भीख मांगने में मुल्क ने कर ली पीएचडी

भारत से बराबरी की बात सोचने वाले पाकिस्तानियों को लिए ये खबर सिर झुकाने वाली है. जिस तरह पाकिस्तान की सरकार दुनिया से भीख मांगकर काम चला रही है. उसी तरह पाकिस्तान की जनता भी हाथ फैलाकर खड़ी है. भीख मांगने में शहबाज और पाकिस्तानी जनता ने मानो पीचडी कर ली है. हाथ फैलाकर हजारों रुपये की कमाई एक दिन में होती है. इसलिए पाकिस्तानियों को ये सबसे आसान काम लगता है.अब तो इस्लामाबाद ने आतंकियों के साथ-साथ भिखारियों को भी एक्सपोर्ट करना शुरु कर दिया है.

सऊदी अरब, यूएई और इराक में पाकिस्तानी भिखारी पकड़े जा रहे हैं. ये तीर्थयात्रियों के वीसा पर मक्का जाकर भीख मांगते पकड़े गये हैं. मक्का और मदीना जो पाकिस्तानी मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र जगह है वहां कई पाकिस्तानी जेबकतरे गिरफ्तार हुए हैं. सऊदी अरब की जेलों में पाकिस्तानी कैदियों की भीड़ है, इसके लिए सऊदी ने पाकिस्तानी सरकार से कई बार शिकायत भी की है. पाकिस्तान के लोग लाखों रुपया खर्च करके टूरिस्ट वीजा पर दुबई जाकर भीख मांगते पकड़े गये हैं..जबकि यूएई में भीख मांगना गैरकानूनी है.

भिखारियों के लिए जन्नत बना पाकिस्तान

इतने देशों में पाकिस्तानी भिखारी का मतलब ये है कि जैसे शराब और ड्रग्स की लत लगती है वैसे ही पाकिस्तान को भीख मांगने की लत लग गई है..ना वहां का वजीर-ए-आजम मानने को तैयार है और ना ही 25 करोड़ जनता. पाकिस्तान के सबसे अमीर शहर कराची में…मुल्क के कोने-कोने से भिखारियों की फौज पहुंच गई है. आंकड़े कुछ सौ या हजार नहीं..बल्कि लाखों में है..शहबाज़ ने पूरे मुल्क को ही कटोरे की आदत लगा दी..शायद पाकिस्तानियों के लिए भीख मांगना सबसे फेवरेट काम बन गया है.

कराची तो सिर्फ ट्रेलर है. असल में पाकिस्तान की जेब और खजाना दोनों खाली हैं..और ये मुल्क भिखारियों के लिए जन्नत बन गया है. पाकिस्तान में चर्चा है कि कराची में 4 लाख भिखारियों के आने का आंकड़ा तो सिर्फ एक अनुमान है असली आंकड़ा इससे कई गुना ज्यादा हो सकता है. इतने भिखारी होने का एक ही मतलब है, पाकिस्तान की पूरी इकॉनमी ही कटोरे पर चल रही है.

पाकिस्तान को लगी शहबाज़ की ‘आदत’?

अगर देखा जाए तो भिखारियों की तादाद पाकिस्तान के अंदर काफी हो चुकी है, उसकी वजह ये है कि यहां पर बेरोजगारी बहुत ज्यादा है.
कराची की जनता भिखारियों से परेशान है. मांगने की मानो रेस लग गई है. पाकिस्तानी जब मुल्क में होता है तो दूसरे पाकिस्तानी से भीख मांगता है..विदेश जाता है तो दुनिया से मांगता है. पर मांगने से कभी पीछे नहीं हटता है.

मिडल ईस्ट में पाकिस्तान ने भिखारी भेजने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है. मक्का, मदीना से लेकर दुबई और मिडल ईस्ट के सभी बड़े शहरों में पाकिस्तानी भिखारी बनकर पहुंचते हैं. भीख मांगते हैं और लाखों कमाकर वापस पाकिस्तान लौटते हैं. खुद पाकिस्तानी सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब और इराक में पकड़े गये भिखारियों में 90 फीसदी पाकिस्तानी नागरिक हैं.

दुबई में भी पकड़े गए 202 भिखारी

आटा और रोटी के लिए भटक रहे पाकिस्तानी धरती के किसी भी कोने में जाकर भीख मांग सकते हैं. हालांकि ऐसी खबरों से पाकिस्तानियों को बहुत शर्म आ रही है. दुबई की पुलिस ने 202 पाकिस्तानी भिखारियों को अरेस्ट किया है, उन्होंने कहा कि ये लोग यहां पर आ जाते हैं, कोई काम-धंधा नहीं करते. यहां आकर भीख मांगते हैं.

भीख मांगना पाकिस्तानियों ने वहां पेशा बना लिया है. लोग उमरा के लिए जा रहे हैं, दुबई जा रहे हैं, फैमिली जाकर वहां पर ये(भीख का) काम करते हैं. सिर्फ इसी काम के लिए जा रहे हैं, कर रहे हैं. वे ऐसा अचानक नहीं करते, बल्कि प्लानिंग के जरिए जाते हैं. वहां पर अपनी साख बनाने के बदले ये(भीख का) काम शुरु किया है. जिसकी वजह से हर लेवल पर पाकिस्तान की बेइज्जती हो रही है.

भीख मांगने को पाकिस्तानी सरकार और जनता बहुत सीरियसली लेती है. शहबाज़ खुद अभी-अभी सऊदी अरब में भीख मांगने गये, सफलता भले ना मिली पर कोशिश में कोई कमी नहीं दिखती.

कहीं चांद पर भी मांगने न लग जाएं भीख

एक पाकिस्तानी पत्रकार बताता है, ‘एक पाकिस्तानी जो वहां भीख मांग रहा था, वो महीने का 83 लाख रुपया कमा रहा था. तो इंसान हैरत में पड़ जाता है, दिल करता है जो हम काम कर रहे हैं वो छोड़ दें. मैं साल में इतना कमा नहीं पाता. आपको मैंने अपनी कमाई बता दी. वो महीने का इतना कमा रहा है भीख मांगकर.’

आजकल पाकिस्तान का कराची शहर भिखारियों का पसंदीदा अड्डा बन चुका है..पाकिस्तानियों को डर है कि कहीं मांगने का ये वायरल दूसरे शहरों में ना पहुंच जाए. कुछ लोग तो यहां तक कहते हैं कि अगर कभी कोई पाकिस्तानी चांद पर गया..और तब तक चांद पर कॉलोनी बन गई.. तो पाकिस्तानी शायद वहां पर भी चादर बिछाकर कटोरा रख देगा.

दुनिया का चौथा सबसे बड़ा कर्जदार है पड़ोसी मुल्क

मांगते-मांगते पाकिस्तान इतना गिर गया है कि कोई भिखारी भी उसे देखे तो उसे शर्म आ जाएगी. हालांकि पाकिस्तान का शर्म से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है.. लेकिन आज हम ऐसे आंकड़े दिखाएंगे जिसे देखकर पाकिस्तानी भी अपना मुंह छिपा लेंगे. पाकिस्तान में ढाई करोड़ से भी ज्यादा भिखारी हैं. जो वहां की आबादी का 11 फीसदी है. मतलब 100 में से 11 लोग भीख मांगकर अपना गुजर-बसर करते हैं.

पाकिस्तान पर कुल कर्ज 256 बिलियन डॉलर का है जबकि उसके खजाने में सिर्फ 13 बिलियन डॉलर बचे हैं..यानी जितने पैसे हैं उससे 13 गुना ज्यादा कर्ज है. पाकिस्तान की सरकार के पास मौजूद हर सौ रुपये में 80 रुपये कर्ज से आए हैं..इसलिए IMF का दुनिया में चौथा सबसे बड़ा कर्जदार पाकिस्तान है.

तरक्की में बांग्लादेश ने भी छोड़ दिया पीछे

GDP में पाकिस्तान की दुनिया में 42वीं रैंकिंग है, जबकि 1971 में उससे अलग हुआ बांग्लादेश 35वें नंबर पर और भारत की रैंकिंग 5वीं है..पाकिस्तान जैसा भिखारी यहां पहुंचने के सिर्फ सपने ही देख सकता है. दोस्तों, इस मुल्क का नाम पाकिस्तान है..पर असल में इसका नाम भिखारी-स्तान होना चाहिए. 77 साल पहले नाम रखने में ये गलती हो गई थी.. इसलिए पाकिस्तानियों आज से ही तुम अपना नाम बदल लो..क्योंकि यही नाम तुम्हारे लिए सटीक है..तुम्हारी हरकतों पर फिट बैठता है.