Breaking News
( मंगल ग्रह)
( मंगल ग्रह)

मंगल ग्रह पर बनने लगा ऑक्सीजन!( मंगल ग्रह)

मंगल ग्रह: नासा ने हाल ही में एक ऐसी मशीन विकसित की है, जो मंगल ग्रह  ( मंगल ग्रह) पर ऑक्सीजन का निर्माण कर रही है. नासा ने बताया है कि ये मशीन अपने टारगेट से 200% ज्यादा ऑक्सीजन का निर्माण कर रही है. मार्स ऑक्सीजन इन-स्टू रिसोर्स यूटिलाइजेशन एक्सपेरिमेंट की सफलता से यह भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों के मिशन के लिए व्यावहारिक साबित होने लगा है. यह मशीन, जो लगभग एक माइक्रोवेव ओवन के आकार का है, इसे साल 2021 में लाल ग्रह पर नासा के पर्सीवरेंस मार्स रोवर के साथ भेजा गया था.

नासा ने बताया कि, ‘MOXIE ने कुल 122 ग्राम ऑक्सीजन का निर्माण करके अपेक्षाओं पर खरा उतरा है.’ यह नासा के मूल लक्ष्यों से दोगुना ऑक्सीजन का निर्माण कर रहा है. उत्पादित ऑक्सीजन की शुद्धता 98% या उससे बेहतर है. यह ईंधन और सांस लेने, दोनों के लिए काफी उपयुक्त है. नासा ने आगे बताया, ये मशीन लाल ग्रह के सतह की कार्बन डाइ-ऑक्साइड के अणुओं को तोड़ कर ऑक्सीजन का निर्माण करता है. इसके लिए ये मशीन विद्युत रासायनिक प्रक्रिया (Electrochemical Process) का उपयोग करता है. वहीं, ऑक्सीजन की शुद्धता और मात्रा की जांच करने के लिए गैसों का विश्लेषण किया जाता है.
MOXIE की सफलता से भविष्य में मंगल ग्रह पर मानव मिशन के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है. यह टेक्नोलॉजी की मदद से अंतरिक्ष यात्रिओं को ‘लाल ग्रह की जमीन से दूर रह कर’ और उसके सतह पाए जाने वाले पदार्थों का उपयोग कर जीवित रहने में मददगार साबित हो सकती है. इन-स्टू रिसोर्स यूटिलाइजेशन (ISRU) के इस कदम से वैज्ञानिकों का मंगल ग्रह पर रिसर्च क्षेत्र बढ़ गया है. नासा का अगला कदम इसका विस्तार कर, बड़े स्तर पर MOXIE जैसा ऑक्सीजन जनरेटर बनाना और ऑक्सीजन को लिक्विड में बदल कर इसे स्टोर करना है. वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर कई अन्य टेक्नोलॉजी को भी भेजने का प्लान बना रहे हैं.

इस मशीन के प्रमुख जांचकर्ता, एमआईटी (MIT) के माइकल हेचट ने कहा, ‘MOXIE ने साफ़ तौर पर ISRU के लिए काम रहे वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणा का काम किया है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘पता चला है कि नासा भविष्य में इस प्रकार की टेक्नोलॉजी में निवेश करने को इच्छुक है.’