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एक यात्री ने बचाई हजारों की जान( lives)

वैशाली. बिहार के वैशाली जिले में दरभंगा से मुंबई जा रहे एक यात्री की सक्रियता से बड़ा रेल हादसा टल गया नहीं तो उड़ीसा के बालासोर जैसी ( lives) घटना घट सकती थी. दरअसल जयनगर से मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनल तक जाने वाली पवन एक्सप्रेस जैसे ही मुजफ्फरपुर से खुली वैसे ही ट्रेन से आवाज आने लगी जिसकी भनक ना तो ट्रेन के ड्राइवर को लगी और ना ही ट्रेन के गार्ड को.

लेकिन, ट्रेन के एस 11 बोगी में सफर कर रहे दरभंगा के राजेश दास को कुछ हुआ लेकिन जबतक वह कुछ समझ पाता तबतक ट्रेन भगवानपुर स्टेशन तक पहुंच चुकी थी. ट्रेन रुकते ही राजेश ने सबसे ट्रेन के नीचे झांक कर देखा तो उसे पता चला कि एस 11 बोगी के नीचे ट्रेन का एक पहिया लगभग 10 इंच तक टूट चुका था. वह ट्रेन के ड्राइवर को जबतक कुछ बता पाता तबतक ट्रेन फिर से खुल गई.

लेकिन राजेश ने घटना की जानकारी ट्रेन में सफर कर रहे अन्य यात्रियों को दी और चेन पुलिंग करने का आग्रह किया जिसके बाद एक यात्री ने चेन पुलिंग किया और जब ट्रेन रुकी तो पहिया टूटने की जानकारी ट्रेन के ड्राइवर और अन्य कर्मियों को दी गई. ट्रेन भगवानपुर में छः बजकर 10 मिनट पर खड़ी हुई थी लिहाजा रेल कर्मियों ने घटना की जानकारी वरीय अधिकारियों को दी. फिर सोनपुर रेल मंडल से एक्पर्ट की एक टीम अतिरिक्त बोगी लेकर भगवानपुर पहुंची और लगभग 5 घंटे 10 मिनट बाद यानी रात 11 बजकर 20 मिनट पर ट्रेन को रवाना किया गया, जिसके बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली.

बता दें, अगर समय पर यात्री ने सक्रियता नहीं दिखाई होती तो बड़ा रेल हादसा हो सकता था. ऐसे में सवाल उठता है कि लंबी दूरी के ट्रेनों की जांच रेलवे क्यों नहीं करती है और अगर ट्रेन खुलने से पहले जांच की गई थी तो फिर लापरवाही किसने की या फिर इस घटना के पीछे भी कोई साजिश तो नहीं. बहरहाल एक बड़ा रेल हादसा टल गया है और यात्रियों के साथ साथ रेलवे के अधिकारियों और कर्मियों को भी राहत मिली है.