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(केजरीवाल )
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अब ईडी के पास केजरीवाल को लेकर ये हैं विकल्प(केजरीवाल )

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ईडी के समन पर तीसरी बार भी पेश नहीं हुए। अब ऐसे में जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल  (केजरीवाल ) ईडी के सामने पेश नहीं हो रहे हैं तो ईडी के पास क्या विकल्प बचते हैं और इसे लेकर कानून क्या कहता है? आइए डालते हैं एक नजर। प्रीवेंशन आफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की धारा-19 के तहत ईडी को यह अधिकार है कि लगातार तीन बार समन के बाद भी अगर कोई आरोपित पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं होता है तो ईडी उसे गिरफ्तार कर सकती है। हालांकि इसके लिए यह जरूरी है कि उसके पास गिरफ्तारी के लिए पुख्ता आधार होने चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट का क्या है कहना
उधर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी एक मामले की सुनवाई के दौरान ईडी को कहा था कि अगर कोई ईडी के समन के बावजूद पूछताछ में उसे सहयोग नहीं कर रहा है तो केवल यह उसकी गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता है। गिरफ्तारी तभी हो सकती है जब अधिकारी को यह विश्वास हो कि आरोपित अपराध में संलिप्त है।

अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार किए गए एक रियल एस्टेट के दो निदेशकों की गिरफ्तारी को अवैध करार देते हुए यह टिप्पणी की थी।
समन क बताया अवैध
आबकारी घाेटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के समन पर तीसरी बार पेश नहीं हुए।केजरीवाल ने ईडी के समन पर जवाब दिया है। केजरीवाल ने ईडी के समन एक लिखित जवाब भेजकर इसे अवैध बताया। ईडी को लिखे पत्र में केजरीवाल ने कहा कि वह राज्यसभा चुनाव और गणतंत्र दिवस की तैयारियों में व्यस्त हैं, लेकिन एजेंसी की किसी भी प्रश्नावली का जवाब देने के लिए तैयार हैं।
आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने एजेंसी से अपने पहले के पत्रों का जवाब देने के लिए कहा, जिसमें उन्होंने पूछताछ/जांच के लिए बुलाए जाने से जुड़े मुद्दों पर जानकारी मांगी थी।

पहले भी पेश नहीं हुए सीएम केजरीवाल
केजरीवाल ने इससे पहले दो नवंबर और 21 दिसंबर के दो समन पर ईडी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था और नोटिस को ‘अवैध’ और ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया था।