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ट्रेन नहीं तो वोट नहीं

ट्रेन नहीं तो वोट नहीं, गुजरात के 18 गांव करेंगे चुनाव का बायकॉट; नेताओं के गांवों में घुसने पर भी रोक

गुजरात।  गुजरात में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। इस बीच, अंचेली और नवसारी विधानसभा क्षेत्र के 17 अन्य गांवों के ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार करने और राजनीतिक दलों के नेताओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए बैनर लटका दिए हैं। इनमें सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को प्रचार के लिए गांवों में प्रवेश करने से रोका गया है।

ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला इसलिए किया है क्योंकि अंचेली रेलवे स्टेशन पर लोकल ट्रेनों को रोकने की उनकी मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है। अंचेली रेलवे स्टेशन के पास और गांवों के इलाकों में लगे इन बैनरों में लिखा है, ट्रेन नहीं तो वोट नहीं,  बीजेपी या अन्य राजनीतिक दलों के नेता चुनाव प्रचार के लिए यहां नहीं आएं, हम चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं।

एक युवा हितेश नायक ने कहा कि इस निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम 18 गांवों के लोगों ने इस चुनाव का बहिष्कार किया है। उनकी मांग उस ट्रेन के ठहराव की है जो कोविड 19 से पहले यहां रुकती थी। लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि जो नियमित यात्री हैं, वे अब निजी वाहन लेने के लिए मजबूर हैं और उन्हें प्रतिदिन लगभग 300 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।

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कॉलेज की एक छात्रा प्राची पटेल ने कहा कि इस समस्या के कारण उसे अपनी पढ़ाई में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि उसे सुबह अपना एक लेक्चर छोडऩा पड़ रहा था। जोनल रेलवे यूजर्स कंसल्टेटिव कमेटी के सदस्य छोटूभाई पाटिल ने कहा कि कोई भी संबंधित अधिकारी या लोग इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं।

छोटूभाई पाटिल ने कहा कि एक स्थानीय यात्री ट्रेन 1966 से यहां रुकती थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण इसे रोक दिया गया था। इसके फिर से शुरू होने के बाद यह हमारे स्टेशन पर यहीं नहीं रुकती। यहां से कम से कम 19 गांवों के लोग अपनी नौकरी और दैनिक आजीविका के लिए आवागमन करते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि वे समस्याओं का सामना कर रहे हैं। हम नई की मांग नहीं कर रहे हैं। हम बस वही ट्रेन चाहते हैं, लेकिन फिर भी, स्थानीय प्रशासक या प्रतिनिधि जवाब नहीं दे रहे हैं। छोटूभाई पाटिल ने कहा कि ग्रामीणों ने बिना वोट के इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) भेजने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि हमने इस विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है और हम ईवीएम को खाली भेज देंगे।

गौरतलब है कि, गुजरात में राज्य विधानसभा की 182 सीटों के लिए चुनाव दो चरणों में 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को होंगे। वोटों की गिनती 8 दिसंबर को होगी। भाजपा पिछले 27 वर्षों से राज्य में सत्ता में है और इसे भाजपा का गढ़ माना जाता है। हालांकि, कांग्रेस भी भाजपा सरकार को बेदखल करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ चुनावी पैर आगे बढ़ाने की उम्मीद कर रही है।