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अस्‍पताल में नहीं आया कोई डॉक्‍टर फ‍िर भी हो गया 3 मरीजों ( patients )का इलाज

दुमका में स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर लापरवाही तब उजागर हुई जब सामने आया क‍ि दुमका सदर प्रखंड अंतर्गत बरतली पंचायत स्थित स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र गांदो का प्रशिक्षु आईएएस सनी राज और सदर बीडीओ राजेश सिन्हा निरीक्षण करने पहुंचे . यहां उन्होंने बड़ी लापरवाही पकड़ी. बताया जा रहा है क‍ि 2 जनवरी को स्वास्थ्य केंद्र गांदो में एक भी एएनएम (सहायक नर्स मिडवाइफ) नहीं थी न ही सीएचओ उपस्तिथि थे. बहरहाल 2 जनवरी को जब ओपीडी रजिस्टर की जांच की गई तो पाया गया कि 3 मरीज ( patients ) को देखा गया है. अब सवाल यह उठता हैं कि जब स्वास्थ्य केंद्र में कोई स्वास्थ्य कर्मी मौजूद ही नहीं था तो इन मरीजों का इलाज आखिर किसने किया.

वहीं जब प्रशिक्षु आईएएस और बीडीओ ने कड़ाई से पूछा तो बात सामने आई कि सफाई कर्मचारी जोबाती हांसदा के पति ने 3 मरीजों का इलाज कर दिया. स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही से बड़े सवाल खड़े हो रहे है.

दवाई भंडार की पंजीकरण
दवाई की भंडार पंजीकरण के अवलोकन से यह पता चला कि प्रेग्नेंसी टेस्ट किट दिनांक 05 अप्रैल 2022 को 550 और 08 जुलाई 2022 को 150 किट स्वास्थ्य केन्द्र को प्राप्त हुए थे. मई 2022 से लेकर अभी तक कुल 57 किट लाभार्थियों को बांटे गए थे पर जब अवशेष किट दिखाने को कहा गया तो उपस्थित एएनएम रीना फ्लोरा मुर्मू और पारोजीनी मराण्डी द्वारा लगभग 400 किट ही दिखाया गया. शेष किट के बारे में कड़ाई से पूछताछ करने पर एएनएम रीना फ्लोरा मुर्मू द्वारा बताया गया कि बाकी किट उनके घर में है और कुछ दवाइयां भी घर में रखा गया है. जब स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक के बारे में एएनएम से पूछा गया तो बताया गया कि इस स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सक महीना में दो-तीन बार ही स्वास्थ्य केन्द्र में आते हैं.

एएनएम रहते हैं नदारत
निरीक्षण के दौरान यह भी मामला सामने आया कि प्रतिनियुक्त एएनएम सुशीला मुर्मू 23 दिसंबर 2022 से 3 जनवरी तक अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहे हैं. दो एएनएम रीना फ्लोरा मुर्मू और पारोजीनी मराण्डी 22 दिसंबर 2022 से 02 जनवरी 2023 तक लगातार दस दिन आकस्मिक अवकाश पर थी जो कि झारखण्ड सेवा संहिता के अनुसार, नियम संगत नहीं है. इस संबंध में पूछने पर एएनएम द्वारा बताया गया कि प्रथम चिकित्सा पदाधिकारी, दुमका द्वारा अवकाश स्वीकृत किया गया था.

मशीन की दशा बेकार
स्वास्थ्य केन्द्र में संधारित किए जा रहे विभिन्न प्रकार के पंजीकरण के पृष्ठ भी सत्यापित नहीं पाया गया. यहां तक कि पीएम केयर्स का नया ऑक्सीजन मशीन बेकार अवस्था में पड़ा हुआ है. स्वास्थ्य केन्द्र की अनियमतताओं तथा अनाधिकृत रूप से अनुपस्थिति के संबंध में सभी एएनएम और सीएचओ को कारण पूछा गया है. साथ ही स्वास्थ्य केन्द्र की विस्तृत प्रतिवेदन सिविल सर्जन दुमका को भी भेजा जा रहा है. अब आप समझ सकते है कि दुमका में स्वास्थ्य व्यवस्था का क्या हाल है. जब सफाईकर्मी के पति डॉक्टर बन कर मरीज का इलाज कर सकते है, दवाई दे सकते है तो मरीज का रखवाला भगवान ही हो सकते है. किसी के जीवन से खिलवाड़ करने का अधिकार किसी को नहीं है. अगर किसी मरीज के साथ अनहोनी होती तो जिम्मेदार कौन होता. जरूरत है प्रसासनिक स्तर पर सख्त कदम उठाने की ताकि ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिल सकें.