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(Artemis-1)

पोस्टपोन हुआ नासा का आर्टेमिस-1

अमेरिकी (Artemis-1) स्पेस एजेंसी नासा का आर्टेमिस-1 (Artemis-1) मून मिशन पोस्टपोन हो गया है। रॉकेट के चार में से एक इंजन में आई खराबी के कारण इसकी लॉन्चिंग के लिए चल रहे काउंटडाउन को कुछ देर पहले रोक दिया गया। अब अमेरिका आर्टेमिस मिशन के जरिए रूस या चीन को मात नहीं देना चाहता।

नासा का उद्देश्य पृथ्वी के बाहर स्थित चीजों को अच्छी तरह एक्सप्लोर करना है। चांद पर जाकर वैज्ञानिक वहां की बर्फ और मिट्टी से ईंधन, खाना और इमारतें बनाने की कोशिश करना चाहते हैं। रॉकेट की लॉन्चिंग भारतीय समयानुसार सोमवार शाम 6.03 बजे होनी थी। सब कुछ ठीक रहा तो अब लॉन्चिंग 2 सितंबर को रात 10.18 बजे होगी।

ये मिशन 42 दिन 3 घंटे और 20 मिनट का है, जिसके बाद कैप्सूल धरती पर वापस आ जाएगा। स्पेसक्राफ्ट कुल 20 लाख 92 हजार 147 किलोमीटर का सफर तय करेगा। यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो बोल्डर के प्रोफेसर और वैज्ञानिक जैक बर्न्स का कहना है कि आर्टेमिस-1 का रॉकेट ‘हैवी लिफ्ट’ है और इसमें अब तक के रॉकेट्स के मुकाबले सबसे शक्तिशाली इंजन लगे हैं।

यह चंद्रमा तक जाएगा, कुछ छोटे सेटेलाइट्स को उसके ऑर्बिट (कक्षा) में छोड़ेगा और फिर खुद ऑर्बिट में ही स्थापित हो जाएगा।आर्टेमिस-1 एक मानवरहित मिशन है। पहली फ्लाइट के साथ वैज्ञानिकों का लक्ष्य यह जानना है कि अंतरिक्ष यात्रियों के लिए चांद पर सही हालात हैं या नहीं। साथ ही क्या एस्ट्रोनॉट्स चांद पर जाने के बाद पृथ्वी पर सुरक्षित लौट सकेंगे या नहीं।