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मंत्री जयवीर सिंह ने करहल चौराहे पर महाराणा प्रताप की मूर्ति का अनावरण किया

मैनपुरी -( रामजी लाल गोस्वामी ) –  पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने करहल चौराहे पर महाराणा प्रताप की मूर्ति का अनावरण करते हुए कहा कि नगर के मुख्य चौराहों पर जल्द ही अन्य महापुरुषों की मूर्तियां स्थापित होंगी, 02 माह के अंदर विकास भवन के समीप बृहद ऑडिटोरियम, म्यूजियम, संग्रहालय के निर्माण का कार्य प्रारंभ होगा, जनपद के 36 पुरातात्विक महत्व के स्थलों, मंदिरों के पर्यटन विकास का कार्य कराया जाएगा, संस्कृति विभाग द्वारा कई मंदिरों के जीर्णाेद्धार, पर्यटन विकास के लिए धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है, च्यवन ऋषि आश्रम, मारकंडेय ऋषि आश्रम, रामलीला मैदान कुरावली, रामलीला मैदान नगर मैनपुरी में कार्य प्रगति पर है, जनपद को सुंदरता, भव्यता प्रदान करने के लिए लगभग रू. 700 करोड़ की लागत से बाईपास निर्माण का कार्य भी कराया जाएगा, यह बाईपास आगरा रोड जरामई से होते हुए भोगांव रोड पर रेलवे क्रॉसिंग के पास निकलेगा, बाईपास के निर्माण से जहां नगर वासियों को जाम से निजात मिलेगी, वहीं क्षेत्र के लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे, क्षेत्र की भूमि के दाम में भी बढ़ोतरी होगी। उन्होने कहा कि महापुरूषों की मूर्ति स्थापना से जनपद के युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा मिलेगी साथ ही उनके जीवन संघर्षों के बारे में भी जानकारी मिलेगी।

जनपद के प्रवेश द्वार करहल चौराहे की पहचान अब महाराणा प्रताप चौक से होगी, जनपद के युवाओं को वीर योद्धा से प्रेरणा मिलेगी-पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री

पर्यटन मंत्री ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र मैनपुरी के सम्मानित मतदाताओं ने उन्हें चुनकर भेजा, प्रदेश सरकार में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री का ओहदा मिला, यह सम्मान मेरा नहीं बल्कि विधानसभा सदर के प्रत्येक मतदाता का सम्मान है, मतदाताओं के सम्मान पर कभी आंच नहीं आने दी जाएगी यदि किसी भी व्यक्ति को कोई समस्या हो तो तत्काल संज्ञान में लाए, आपकी समस्या के निदान के लिए मैं 24 घंटे उपलब्ध रहूंगा। उन्होंने कहा कि नगर के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ जनपद के सर्वांगीण विकास के लिए प्रदेश सरकार तेजी से कार्य कर रही है, योजनाओं के क्रियान्वयन में जनपद प्रदेश में टॉप-10 में शामिल है, संचालित योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्ति तक आसानी से पहुंच रहा है और समाज के अंतिम पायदान का व्यक्ति संचालित योजनाओं का लाभ पाकर विकास की मुख्यधारा में शामिल हुआ है। उन्होंने कहा कि आज भारत की पहचान दुनिया के विकसित देशों के रूप में हो रही है, हमारा देश हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है, अर्थव्यवस्था में भी तेजी से सुधार हुआ है, टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी आज हमारा देश अग्रिम पंक्ति में खड़ा है।

जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने नया अध्याय लिखने, जनपद को विकास, पर्यटन क्षेत्र के मानचित्र पर प्रदेश के नक्शे में सर्वोच्च स्थान देने की दिशा में निरंतर प्रयासरत् पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि आज बहुत ही हर्ष का विषय है, आज जनपद का प्रवेश द्वार करहल चौराहे पर महाराणा प्रताप की मूर्ति स्थापित हुयी है, आज से यह चौराहा महाराणा प्रताप चौक के रूप में जाना जायेगा। उन्होने कहा कि जनपद की पहचान 1857 की गदर में महाराजा तेज सिंह द्वारा नेतृत्व प्रदान करने, जुझारू, संघर्षशील सैनिकों के रूप में है, यदि जनपद में महाराणा प्रताप की मूर्ति न होती तो अफसोस की बात होती। उन्होंने कहा कि इस प्रवेश द्वार में महाराणा प्रताप की भव्य मूर्ति हो,

यह नगरवासियों का सपना था और इस सपने को साकार करने का कार्य पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने किया। उन्होने कहा कि 1546 में 09 मई का वह दिन, जब मेवाड़ की धरती पर ऐसे सपूत का जन्म हुआ, जिसने 1576 में हल्दीघाटी के युद्ध में मुगल शासक अकबर, जो सम्राट अकबर मानता था, उसे कोई पराजित नहीं कर सकता, महाराणा प्रताप ने 20 हजार राजपूतों की एक छोटी सी सेना से पराजित हुआ, मेवाड़ में जिसके 20 हजार सैनिकों ने अपने से 04 गुनी बड़ी सेना, तोपों से सुसज्जित फौज, 03 सेनानायकों की मौजूदगी में युद्ध लड़ा और अपने से 04 गुना ताकतवर फौज को पराजित किया। उन्होंने कहा कि निरतंर महाराणा प्रताप को हराने के लिए अनेक सालों तक संघर्ष चलता रहा, वहीं दूसरी ओर देश की रियासतों ने अकबर के सामने अपने घुटने टेक दिये, अकबर की इच्छा अधूरी रह गयी कि महाराणा प्रताप को अपने पास बुलाकर समझौता कर सके। उन्होने कहा कि महाराणा प्रताप जो खुद 07 फीट 05 की लम्बाई के थे, 110 किग्रा. वजन था, 307 किग्रा. …