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अखिलेश-शिवपाल का मिलन बडा राजनैतिक परिवर्तन लाएगा : पंडोखर सरकार !

इटावा – सुप्रसिद्ध संत त्रिकालदर्शी पंडोखर सरकार ने कहा है कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव यानि चाचा- भतीजे के बीच आपसी मतभेद दूर होना उत्तर प्रदेश की राजनीति के लिए एक अच्छा संकेत है। शीघ्र ही इसका असर दिखेगा। इन दोनों का आपसी मिलन प्रदेश में बड़ा राजनै तिक परिवर्तन लाएगा। पंडोखर सरकार गुरुवार रात यहां जसवंतनगर में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के महासचिव अजेंद्र सिंह गौर की बेटी के शादी समारोह में पधारे थे, जिस दौरान पंडोखर सरकार शादी में पधारे ,उस समय शिवपाल सिंह यादव भी वहीं मौजूद थे।

पडोखर सरकार मध्य प्रदेश के सुप्रसिद्ध भविष्य दृष्टा संत है। वह यहां अपने ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष अर्जेंद्र गौर के यहां विशेष तौर से आए, वरना किसी गृहस्थ कार्यक्रमों में नहीं आते-जाते। शिवपाल सिंह यादव ने खुद उनकी अगवानी की। उनका आशीर्वाद लिया। शिवपाल से मिलते ही संत पंडोखर बोले कि आप चाचा भतीजे एक हो गए हैं ,यह देश के लिए बहुत अच्छा संकेत है, क्योंकि आज लोग राजनैतिक कारणों से बेहद परेशान है। इससे पूर्व शादी समारोह में पधारे बड़ी संख्या में जसवंत नगर के लोगों से बातचीत करते शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि यह चुनाव देश की दिशा तय करेगा। डिंपल का जीतना यह संकेत होगा कि आगामी 2024 में होने वाले चुनावों में भारतीय जनता पार्टी सत्ता से बेदखल होने जा रही है। उन्होंने लोगों से कहा कि यह चुनाव नेताजी को श्रद्धांजलि देने का सबसे बड़ा मौका है। क्योंकि नेता जी ने अपने कार्यकाल में जसवंत नगर की तकदीर बदली है यहां का विकास किया है,

यहां के हजारों बच्चे नौकरी पाए हैं।यह भी कहा कि डिंपल यादव हमारे परिवार की सबसे सुशील और सभी को साथ लेकर चलने वाली महिला है। उनकी कार्यशैली की वजह से ही उन्हें अखिलेश से अपने मतभेद भुलाने पड़े हैं। आने वाले समय में हम, अखिलेश और डिंपल साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी को उखाड़ फेंकने में जुटेंगे। इस अवसर पर राष्ट्रीय कवियित्री गौरी नैनीताल, राजीव गुप्ता बबलू, विनय पांडे, राशिद सिद्दीकी, वेदव्रत गुप्ता, विनोद यादव, नरेंद्रयादव, प्रदीप आढतिया,ठाकुर विश्वदीप सिंह फिरोजाबाद, ब्रजेन्द सिंह गौर जुगेंद्र सिंह सिरहौल, सुरेन्द्र सिंह चौहान कठफोरी गनपत पुर ठाकुर विनोद सिंह गौर खेड़ा धौलपुर, शेर बहादुर सिंह देहुली, सुरेन्द्र सिंह चौहान आगरा, राजा ठाकुर, विक्रम सिंह चौहान इटावा बबुआ ठाकुर इटावा, कवियत्री गौरी मिश्रा, शशि पिंटू राना मेरठ, संध्या दुबे बस्ती ,उषा चौहान लखनऊ आदि मौजूद थे।