कम समय (Mangalyaan) और कम कीमत के कारण काफी खास था मंगलयान (Mangalyaan) मिशन। मिशन में ISRO ने 450 करोड़ रुपए ही खर्च किए थे। 6 महीने में डिजाइन मंगलयान का अंत हो गया । प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में कहा था कि मंगलयान मिशन हॉलीवुड की फिल्म ‘ग्रैविटी’ से भी कम लागत में बना है मिशन के साथ भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया था, जो पहली कोशिश में ही मार्स पर पहुंच गया था।
स्पेसक्राफ्ट ने मिशन के दौरान मंगल की 1000 से भी ज्यादा तस्वीरें भेजीं, ग्रह का पूरा एटलस तैयार किया गया था। वैज्ञानिकों ने बताया कि स्पेसक्राफ्ट में लगी बैटरी सूरज की रोशनी से चार्ज होती थी। बिना उसके यह एक घंटा 40 मिनट से ज्यादा नहीं चल सकती थी। मंगल पर हाल ही में कई ग्रहण लगे। जिससे सबसे लंबा ग्रहण 7.5 घंटे का था, जिसके चलते बैटरी चार्ज न हो सकी।