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कर्णप्रयाग में भूधंसाव और पहाड़ियों से हो रहे भूस्खलन ने स्थानीय निवासियों की चिंता बढ़ा दी,सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर ने प्रकृति से छेड़छाड़ को खतरे की घंटी

Badrinath Highway:बदरीनाथ यात्रा मार्ग के अहम पड़ाव कर्णप्रयाग में भूधंसाव और पहाड़ियों से हो रहे भूस्खलन ने स्थानीय निवासियों की चिंता बढ़ा दी है। प्रभावित भवनस्वामियों ने स्थानीय प्रशासन सहित शासन से समय रहते स्थिति का आंकलन कर वर्षाकाल से पूर्व सुरक्षा की गुहार लगाई है।

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सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर सीएस पांडे ने कहा विशेषज्ञ विज्ञानियों द्वारा सर्वे के बाद सुरक्षा के इंतजाम होंगे। उन्होंने कहा कि भूधंसाव वाले क्षेत्र का फिर से सर्वे कराया जाएगा। इस दौरान प्रभावितों की समस्याएं सुनते हुए उन्होंने स्वहित को दरकिनार कर प्रकृति से छेड़छाड़ को खतरे की घंटी बताया।दरअसल, बीते एक दशक से अधिक समय से रानीखेत राजमार्ग पर मुख्य बाजार से लगी अपर बाजार मस्जिद से रामलीला मैदान तक पहाड़ी से हर वर्षाकाल में होने वाला भूस्खलन वाहनों की आवाजाही बाधित करता है।

यहां पचास से अधिक भवनों के नीचे दीवार और समुचित नाली निकासी की व्यवस्था न होने से भूस्खलन का दायरा बढ़ जाता है। हांलाकि वर्षा थम जाने के बाद भूस्खलन थम जाता है। लेकिन, आए दिन पत्थरों के गिरने से आवाजाही बेहद जोखिमभरी बनी रहती है।भवन स्वामी जगदंबा डिमरी, अनिल खंडूडी ने कहा एक दशक से प्रशासन से भूस्खलन रोकने की फरियाद की जा रही है। लेकिन, मामला शासनस्तर का बता कर अधिकारी पल्ला झाड़ लेते हैं।इसी तरह लाटूगैर आश्रम, राजनगर, बिजली विभाग की कालोनी से गांधीनगर तक राजमार्ग पर हो रहा भूधंसाव खतरे की आहट दे रहा है। जबकि बहुगुणानगर और सीएमपी बैंड में कर्णप्रयाग-नैनीसैंण मोटर मार्ग से पानी का रूख भवनों की ओेर होने और मंडी परिषद के उपरीभाग में 30 से अधिक आवासीय भवनों में दरारें लगातार बढ़ रही हैं।