Breaking News
(children)
(children)(children)

भूखे बच्चों (children)के चेहरे देखने की बजाय मौत को गले लगा रहीं गरीब मांएं

इस्लामाबाद: पाकिस्‍तान में रमजान की शुरुआत के बाद भोजन वितरण केंद्रों पर भारी भीड़ दिख रहीं हैं, जो कभी-कभी भगदड़ में बदल जाती है, अब यह एक आम दृश्य बन गई है. हाल ही में, कराची में आटा वितरण के दौरान मचे भगदड़ में 12 लोगों की मौत हो गईं थी, मरने वालों में अधिकतर बच्चे (children) और महिलाएं शामिल थी. यहां, आटा इतना महंगा हो गया है कि मुफ्त वितरण के दौरान लोगों की भगदड़ मच जा रही है, और जिसके वजह से लोग मर रहे हैं. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के अनुसार, एक साल पहले की तुलना में मार्च में कमोडिटी की कीमतें 35 प्रतिशत बढ़ीं, जो 1965 के बाद सबसे अधिक है.

दिवालिया हो चुका है पाकिस्तान
हाल ही में, पाकिस्तान मूल कि अमेरिकी पत्रकार राफिया जकारिया ने अपने एक लेख में लिखा है कि पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर की किश्त जारी करने के लिए फंड की सख्त जरूरत है नहीं तो ये देश डिफाल्टर की लिस्ट में शामिल हो जाएगा. हालांकि, डिफाल्टर का मतलब है कि ये लोग खाने की चीजों जैसे की तेल और आटें के लिए लाइनों में खड़ा होना और पाकिस्तान की वर्तमान तस्वीरें ये वयां कर रही हैं की पाकिस्तान अब बदतर स्थिति में खड़ा हो चुका है. ज़करिया ने लिखा कि हॉस्पिटल में लोग मर रहे हैं और मेडिकल स्टोर में दवाईयां ख़त्म हो रही है. उन्होंने लिखा कि आटे के लिए मची भगदड़ में मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं थीं. महिलाओं को ही बच्चों की भूख और चूल्हे पर खाली बर्तनों से जूझना पड़ रहा है.
माताएं मौत को लगा रही हैं गले
ज़कारिया ने लिखा कि रमजान का पवित्र महीना बिन पानी के उपवास का महीना है, लेकिन कल्पना कीजिए कि अगर रोजा तोड़ने के बाद खाने के लिए खाना और पानी न मिले तो ये उपवास अंतहीन हो जायेगा और भूख से कभी न ख़त्म होने वाली हो जाएगी. इसके बाद कल्पना करके देखिए लोगों की हालात कैसी हो रहेगी, क्या विकल्प बचेगा उनके पास जिनके बच्चे भूख और प्यास से तड़प रहे होंगे. हाल के कराची में मुफ्त के आटा वितरण के दौरान मरने वाली माताओं ने अपने बच्चों की आंखों भूख से दिखी निराशा की सामना करने के बजाए मौत को गले से लगा लिया. राफिया जकारिया ने लिखा, ‘माताओं का अपने बच्चों को निराश करने के बजाय मरना मानवता को शर्मसार करने वाला है.’