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इन्फ्लुएंजा (influenza )बीमारी वाले लोगों को सबसे ज्यादा खतरा, ऐसे करें बचाव

नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली समेत एनसीआर इलाके में H3N2 इन्फ्लुएंजा के मामलों में काफी इजाफा हुआ है. रिपोर्टों के मुताबिक, यह वायरस कई आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर रहा है. लेकिन, इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ रहा है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि जांच में अधिकांश लोगों को इन्फ्लूएंजा से पीड़ित पाया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि काफी लोग रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फैक्शन से पीड़ित हैं. उनमें बुखार, खांसी, नाक बहना/बंद नाक, शरीर में दर्द और सिरदर्द जैसे लक्ष्ण देखने को मिल रहे हैं. ज्यादातर मामलों में जांच के बाद मरीजों में इन्फ्लूएंजा (influenza ) ए, एच3एन2, एच1एन1 और कुछ अन्य रेस्पिरेटरी वायरस के अलावा कुछ भी नहीं पाया गया है.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि कुछ लोगों को दूसरों की तुलना में बीमारी का अधिक जोखिम होता है. उदाहरण के लिए, मधुमेह और फेफड़ों की समस्याओं जैसी बीमारी से पीड़ित लोगों में अन्य लोगों की तुलना में इस इन्फ्लूएंजा से संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है.

किन लोगों को है सबसे ज्यादा खतरा
एक्सपर्ट्स का कहना है कि रेस्पिरेटरी सिन्सिटियल वायरस (आरएसवी) और राइनोवायरस आमतौर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को संक्रमित करते हैं. यहां तक कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों पर भी इसका असर होता है. इसमें बच्चों को तेज बुखार, खांसी और सर्दी हो सकती है. कुछ बच्चों को सांस की गंभीर समस्या हो रही है. यह विशेष रूप से 1 साल से कम उम्र के बच्चों में हो रही है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि न केवल सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों, बल्कि फेफड़ों की समस्याओं, हृदय रोगियों, मधुमेह रोगियों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को भी अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए.