नई दिल्ली – सीमा पर बढ़ रहे खतरे के बीच भारतीय वायु सेना स्वदेशी हल्के Tejas लड़ाकू विमान के लिए एक प्रमुख क्षमता बढ़ाने में उन्हें American JDAM (जेडीएएम) किट से लैस कर रही है, जो उन्हें सटीकता के साथ Tejas दुश्मन की स्थिति को निशाना बनाने में मदद करेगी। सीमा पर बढ़ रहे खतरे के बीच भारतीय वायु सेना स्वदेशी हल्के तेजस लड़ाकू विमान के लिए एक प्रमुख क्षमता बढ़ाने में उन्हें अमेरिकी ज्वाइंट डायरेक्ट अटैक मुनिशन (जेडीएएम) किट से लैस कर रही है जो उन्हें सटीकता के साथ दुश्मन की स्थिति को निशाना बनाने में मदद करेगी।
अमेरिकी जेडीएएम किट से लैस होगा तेजस
सेना के सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायु सेना ने हाल में जेडीएएम किट के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे, जो हवा से जमीन पर बम गिराने में मदद करती है। सूत्रों ने कहा कि इन जेडीएएम से लैस होने वाला पहला बेड़ा हल्के लड़ाकू विमान तेजस का होगा, जो भविष्य में वायुसेना के मुख्य आधारों में से एक होगा। उन्होंने कहा कि यह क्षमता घरेलू विमानों को उल्टी दिशा से आ रहे विमानों के मुकाबले एक और बढ़त देगी क्योंकि वे गतिरोध दूर से लक्ष्य को नष्ट करने में सक्षम होंगे।
सरकार द्वारा दी गई वित्तीय शक्तियों का उपयोग कर रहे हैं सशस्त्र बल
भारतीय वायुसेना ने हाल में तेजस को फ्रेंच मूल के हैमर एयर टू ग्राउंड स्टैंड आफ मिसाइल के साथ स्वदेशी एस्ट्रा हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस किया था। भारतीय सशस्त्र बलों ने सरकार द्वारा विभिन्न चरणों में उन्हें दी गई वित्तीय शक्तियों का व्यापक रूप से उपयोग किया है,
ताकि दोनों पक्षों के दुश्मनों द्वारा किसी भी संघर्ष या आक्रमण से निपटने के लिए आवश्यक हथियारों से खुद को लैस किया जा सके। भारतीय वायु सेना स्वदेशी एलसीए तेजस लड़ाकू विमान को अधिक से अधिक क्षमताओं को जोड़कर उन्हें और सशक्त बना रही है। गलवन घाटी में भारतीय और चीनी सेना के बीच हुए संघर्ष के बाद भारतीय सेना के तीनों अंग लगातर अपने आप को मजबूत करने की कोशिश में लगे हैं।