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( India's move)
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भारत के कदम ( India’s move)की ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका ने की तारीफ

वियना: चीन को शुक्रवार को भारत के कारण अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने कदम वापस खींचने के लिए मजबूर होना पड़ा. दरअसल, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के संयुक्त समूह औकुस के खिलाफ चीन अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) में एक प्रस्ताव लाने की योजना बना रहा था. लेकिन भारत ने ऐसा कदम उठाया कि चीन को यह प्रस्ताव पेश करने से पहले ही वापस लेना पड़ा. भारत के इस कदम ( India’s move) की ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका तारीफ कर रहे हैं. इन तीनों देशों ने चीन का सामना करने के उद्देश्य से 2021 में औकुस नाम से एक सुरक्षा साझेदारी की स्थापना की थी, जिसके तहत ऑस्ट्रेलिया में परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों का निर्माण किया जाना है.

ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका की इस पार्टनरशिप के बाद चीन काफी आगबबूला था और इस कदम को परमाणु अप्रसार संधि का उल्लंघन बताया था. इसीलिए ड्रैगन औकुसS के खिलाफ IAEA में प्रस्ताव पारित करने की कोशिश में लगा हुआ था.आईएईए के सम्मेलन में इस मामले पर विचार-विमर्श हुआ. रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी देशों में से ज्यादातर ने औकुससंगठन को लेकर अपना विश्वास व्यक्त किया. इन देशों ने आईएईए में और ज्यादा पारदर्शिता और अप्रसार आश्वासनों की जरूरत को रेखांकित किया. आईएईए के महानिदेशक को 23 अगस्त 2022 को चीन की तरफ से एक अनुरोध किया गया. इसमें परमाणु सामग्री के हस्तांतरण से जुड़े सभी पहलुओं और औकुस को 66वीं जनरल कांफ्रेंस की चर्चा के लिए शामिल करने की बात कही गई.

भारत की कूटनीति से अटका चीन का प्रस्ताव
सूत्रों के मुताबिकऔकुस के खिलाफ चीन का प्रस्ताव आने के बाद भारत ने अपनी कुशल कूटनीति का इस्तेमाल करते हुएआईएईए के कई छोटे सदस्य देशों को इस प्रस्ताव के खिलाफ स्टैंड लेने के लिए राजी कर लिया. लिया. इसका परिणाम यह हुआ कि चीन के प्रस्ताव को पारित होने के लिए पर्याप्त बहुमत हासिल नहीं हो सका. इसे देखते हुए चीन ने प्रस्ताव पारित करने से पहले ही उसे वापस ले लिया. आपकी जानकारी के लिए बता दें किआईएईएकी नीति-निर्माण बॉडी एजेंसी के कार्यक्रमों और बजटों का निर्धारण करती है. इनमें सभी सदस्य देशों के आम सम्मेलन और 35 सदस्यीय बोर्ड ऑफ गवर्नर्स शामिल होते हैं.आम सम्मेलन आमतौर पर हर साल सितंबर में वियना में आईएईए मुख्यालय में आयोजित किया जाता है.

आईएईए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में ये देश हैं शामिल
भारत को 2021-2022 के लिए इस बोर्ड का सदस्य बनाया गया है. इस साल आईएईए के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में 35 सदस्य बनाए गए हैं. इनमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, ब्राजील, बुरुंडी, कनाडा, चीन, कोलंबिया, चेक गणराज्य, मिस्र, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्वाटेमाला, भारत, आयरलैंड, जापान, साउथ कोरिया, लीबिया, मलेशिया, मेक्सिको, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, पेरू, पोलैंड, रूसी संघ, सेनेगल, स्लोवेनिया, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्विट्जरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड का यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और वियतनाम शामिल हैं.