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(चीनी)
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चीनी विमानों को ‘उड़ता ताबूत’ बना देगा भारत(चीनी)

मिसाइल: सरहद पर चीन  (चीनी) की आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत लगातार अपनी तैयारियां मजबूत कर रहा है. प्लेन, हेलीकॉप्टर और ड्रोन के युद्ध में दुश्मन को मात देने के लिए भारत के पास एक ऐसा खतरनाक हथियार पहुंच गया है, जिससे वह पहाड़ों में चीन को धूल चटा सकता है.
सरहद पर और मजबूत हुआ भारत
भेजे गई हैं. साथ ही 100 मिसाइलें भी भारत आ गई हैं.
बाकी मिसाइलें भारत में ही बनेंगी
यह डिलीवरी एक बड़े खरीद सौदे का हिस्सा बताई जा रही है. सूत्रों के मुताबिक मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत अब रूस इन मिसाइलों का निर्माण भारत में शुरू करेगा. सौदे के तहत बाकी बची हुई मिसाइलें ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी (ToT) के जरिए भारत में बनाए जाएंगे.

भारतीय सेना को शुरू हुई डिलीवरी
सूत्रों के अनुसार भारतीय सेना की एक रेजिमेंट को ये सिस्टम मिल गए हैं. जबकि बाकी रेजीमेंट्स को इसकी डिलीवरी आने वाले समय में हो जाएगी. इग्ला-एस मिसाइल सिस्टम मिलने से भारतीय सेना की बेहद कम दूरी का एयर डिफेंस सिस्टम क्षमताएं और मजबूत हो जाएंगी.
भारत को मिलेंगे 120 लॉन्चर
भारत और रूस के बीच इग्ला मिसाइलों को लेकर हुए समझौते की पिछले साल खबर सामने आई थी, जब रूसी राज्य समाचार एजेंसी TASS में इसकी खबर छपी थी. एजेंसी ने एक शीर्ष हथियार निर्यात अधिकारी के हवाले से बताया गया था कि दोनों देशों में हुए समझौते के अनुसार भारत को 120 लॉन्चर और 400 मिसाइलों की आपूर्ति की जानी है.
कहीं भी छिपकर की जा सकती हैं इस्तेमाल
इग्ला-एस हाथ से पकड़कर चलाई जाने वाली विमानभेदी मिसाइल है. इन मिसाइलों के मिलने से सरहद पर भारतीय सेना की युद्धक क्षमता बढ़ना तय माना जा रहा है. दुश्मन के विमान को गिराने के लिए इसे किसी एक व्यक्ति या 2 लोगों के समूह की ओर से चलाया जा सकता है.

नहीं होगी कलपुर्जों की कमी
पिछले साल नवंबर में एक रिपोर्ट सामने आई थी. जिसमें रूसी हथियार एक्सपोर्ट कंपनी Rosoboronexport के प्रमुख Alexander Mikheyev ने एक अहम बात कही थी. उन्होंने बताया था कि एक भारतीय कंपनी के साथ मिलकर वे Igla-S MANPADS का भारत में उत्पादन करने जा रहे हैं. वह कंपनी कौन सी है, उन्होंने इसका उल्लेख नही किया था.