नई दिल्ली. आगामी लोकसभा और कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में इंडिया गठबंधन की क्या रणनीति रहेगी? इन चुनावों में सीटों को लेकर किस तरह के फॉर्म्युला पर काम किया जाएगा? इन सब मुद्दों पर विचार करने के लिए दिल्ली में बुधवार (13 सितंबर) को INDIA गठबंधन के 14 सदस्यीय समन्वय समिति की पहली बैठक हुई. हालांकि, सीट बंटवारे के मुद्दे को मीटिंग में चर्चा के लिए नहीं लाया गया. इसको फिलहाल टालने का प्रयास रहा. सूत्रों की मानें तो शीट शेयरिंग का पहला फोकस राज्यों के चुनाव होंगे. इस मसले पर अक्टूबर ( अक्टूबर ) के अंत तक फॉर्म्युला तय होने की खबरें आई हैं.
बुधवार को एनसीपी चीफ शरद पवार के नई दिल्ली स्थित आवास पर 14 सदस्यीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई. सूत्रों ने कहा कि आगामी चुनावों में भाजपा (BJP) से सीधी लड़ाई के लिए गठबंधन सहयोगी आपस में बैठकर सीटों को बांटने का काम अक्टूबर के अंत तक पूरा कर लेंगे. हालांकि विपक्षी दलों के इंडिया गुट (INDIA bloc) का कहना है कि सीट-बंटवारे का फॉर्मूला राज्य स्तर पर तय किया जाएगा. लेकिन इस मामले पर उमर अब्दुल्ला की ओर से प्रस्ताव पेश किया गया है, जिसके बाद शीट शेयरिंग में कुछ पेचीदगी सामने आ सकती है.
दिल्ली में 14 सदस्यीय समन्वय समिति की पहली बैठक से बाहर निकलने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी ओर से मीटिंग में एक प्रस्ताव पेश किया गया. इसमें उन सीटों को लेकर बात कही गई है जोकि पहले से ही इंडिया ब्लॉक के सदस्यों के पास हैं. उन सीटों पर खुली चर्चा नहीं होनी चाहिए. उन्होंने इच्छा जताई कि गठबंधन को उन सीटों पर चर्चा करनी चाहिए जो या तो भाजपा के पास हैं या उन पार्टियों के पास हैं जो INDIA गठबंधन में नहीं हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के फॉर्मूला से विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वालों की परेशानी बढ़ेगी. इंडिया ब्लॉक आगामी चुनावों को लेकर बनाई जाने वाली तमाम रणनीतियों पर सिलसिलेवार तरीके से चर्चा कर रहा है. इसमें समूचे देश में ‘संयुक्त सार्वजनिक रैलियां’ शुरू करने से लेकर ‘जातीय जनगणना’ को मुद्दा बनाने और खासकर उन मीडिया कार्यक्रमों और टीवी एंकरों की एक सूची बनाने का अहम निर्णय लिया गया जिनका बहिष्कार किया जाएगा.
इस बीच देखा जाए तो तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने मुंबई की पिछली मीटिंग में गठबंधन के एजेंडे में ‘जाति जनगणना’ को शामिल करने पर आपत्ति जताई थी. हालांकि कॉर्डिनेशन मीटिंग में टीएमसी का प्रतिनिधित्व नहीं था. इस मामले को लेकर टीएमसी के रूख को स्पष्ट करने के मामले पर भी चर्चा हुई है. समिति के सदस्यों में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी भी शामिल हैं. हालांकि वह बैठक में शामिल नहीं हो पाए. इसकी वजह यह रही कि वह फिलहाल कोलकाता के निजाम पैलेस स्थित ईडी दफ्तर में पूछताछ का सामना कर रहे हैं. बंगाल के टीचर्स रिक्रूटमेंट स्कैम के सिलसिले में ईडी ने उन्हें नोटिस भेजा था.
इस पूरे मामले को गठबंधन समिति ने भाजपा की कथित प्रतिशोध की राजनीति करार दिया और अभिषेक बनर्जी के नाम की एक कुर्सी को खाली भी रखा. बनर्जी ने बैठक में शामिल नहीं होने का कारण और उठाए जाने वाले मुद्दों के बारे में पवार, कांग्रेस के के सी वेणुगोपाल और समिति के अन्य सदस्यों से बात भी की थी.
बताते चलें कि ढाई घंटे की बैठक के बाद बुधवार की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत वेणुगोपाल ने यह कहकर की कि बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी की प्रतिशोध की राजनीति के कारण बनर्जी बैठक में शामिल नहीं हो सके. बुधवार की मीटिंग में सीपीएम की भी अनुपस्थिति रही. हालांकि सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने समिति के पहले एजेंडे पर पवार से बात भी की. समन्वय पैनल ने निर्णय लिया कि इंडिया समूह संयुक्त सार्वजनिक रैलियां शुरू करेगा, जिसकी पहली रैलियां चुनावी राज्य मध्य प्रदेश के भोपाल में अक्टूबर के पहले सप्ताह में होने की संभावना है.
वेणुगोपाल ने कहा कि भोपाल रैली बढ़ती कीमतों, बेरोजगारी और भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करेगी. सहयोगी दलों द्वारा सीट-बंटवारे के मुद्दे को हल करने के लिए अक्टूबर के अंत की समय सीमा तय करने पर वेणुगोपाल ने कहा कि समन्वय समिति ने सीट-बंटवारे के निर्धारण के लिए प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है.