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(increased demand)
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मगही पान की देश-विदेश में बढ़ी मांग (increased demand)मोटी कमाई

नई दिल्ली. देश-विदेश में बिहार के मगही पान का क्रेज है. अपनी खास पहचान के कारण मगही पान जबरदस्त मांग (increased demand) है, क्योंकि आयुर्वेदिक औषधि और माउथ फ्रेशनर के रूप में इसका इस्तेमाल किया जाता है. इस पान की खेती बिहार के मगध क्षेत्र में होती है.मगही पान की खेती को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार ने विशेष उद्यानिकी फसल योजना शुरू की है.

बिहार सरकार इस योजना के तहत किसानों को मगही पान की खेती के लिये 30 हजार रुपये से ज्यादा देगी. इसकी खेती से किसानों को कमाई करने का अच्छा मौका मिलेगा. बिहार के नवादा, गया, नालंदा और शेखपुरा जिले में मगही पान की खेती करने वाले इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.

बिहार सरकार दे रही है सब्सिडी
मगध क्षेत्र के गया, नवादा, औरंगाबाद और नालंदा में मगही पान की खेती होती है. गया जिले में करीब 200 किसान मगही पान की खेती से जुड़े हुए हैं. गुरुआ, आमस, गुरारू और वजीरगंज प्रखंड क्षेत्र के किसान इस खेती करते हैं. जिले में करीब 25 से 30 एकड़ में पान की खेती होती थी, लेकिन पान में ज्यादा लागत और मेहनत के कारण किसान अब इस खेती से दूर होते जा रहे हैं.

बिहार कृषि विभाग उद्यान निदेशालय की विशेष उद्यानिकी फसल योजना के अंतर्गत मगही पान के क्षेत्र विस्तार का लक्ष्य रखा गया है. इसमें 300 वर्ग मीटर में मगही पान की खेती की लागत 70,500 रुपए आंकी गई है. इस पर 50% सब्सिडी यानी 32,250 रुपए मिलेंगे.

विशेष उद्यानिकी फसल योजना के तहत सब्सिडी लेने के लिए बिहार कृषि विभाग उद्यान निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर जा सकते हैं और अप्लाई कर सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क कर सकते हैं.