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ज्ञानी यादव हत्या काण्ड का खुलासा सगे बेटे ने किया था अपने बुजुर्ग पिता का कत्ल

इन्स्पेक्टर ने बेकसूर को हत्या जैसे संगीन आरोप से बचा कर असली कातिल पकड़ा
लखनऊ । तालकटोरा थाना क्षेत्र मे चार दिन पूर्व हुई 90 वर्षीय बुजुर्ग ज्ञानी यादव की हत्या किसी और ने नही बल्कि मृतक के सगे बेटे ने सम्पत्ति के लालच मे की थी और पिता की हत्या के इलजाम मे पिता के कातिल बेटे ने ऐसे निर्दोश को फसां कर नामजद मुकदमा लिखवा दिया जिससे इस कातिल बेटे ने 60 हजार रूपए का कर्ज लिया था। बाके से काट कर अपने बुजुर्ग पिता की बेहहमी से हत्या करने वाले कल्युगी पुत्र को तालकटोरा पुलिस ने गिरफ्तार कर आला कत्ल बाका भी बरामद कर लिया है। आपको बता दे कि इसी महीने की 9 तारीख की सुबह मूल रूप से दोस्तपुर गौरीगंज अमेठी के रहने वाले 90 वर्षीय बुजुर्ग ज्ञानी यादव की धारदार हथियार से गला रेत कर निर्मम हत्या कर दी गई थी। ज्ञानी यादव की हत्या के मामले मे ज्ञानी यादव के पुत्र सागर राम उर्फ राम सागर यादव ने सागर गुप्ता पर अपने पिता की हत्या का शक जाहिर करते हुए हत्या का मुकदमा तालकटोरा थाने मे दर्ज कराया था। मृतक के पुत्र ने पुलिस को बताया था कि सागर गुप्ता से 60 हजार रूपए के लेन देन के विवाद मे उसके पिता की हत्या की गई है। अपने पिता की हत्या का मुकदमा दर्ज करा कर पिता की हत्या जैसी जघन्य वारदात को अंजाम देने वाले कातिल बेटे ने अपने पिता की हत्या जिस बाके से की थी उस बांके को उसने घटना स्थल के करीब झाडिय़ो मे नाले के किनारे फेंक दिया था। हत्या का मुकदमा दर्ज करने के बाद इन्स्पेक्टर तालकटोरा धनन्जय सिंह ने जब मुकदमे की जॉच शुरू की तो उन्हे वादी मुकदमा मृतक के पुत्र राम सागर यादव पर शक हुआ तो वो राम सागर की जॉच के लिए उसके पैतृक गॉव गए जहंा उन्हे पता चला की राम सागर ने गॉव मे भी एक महिला पर कातिलाना हमला किया था जंहा उसके खिलाफ 307 का मुकदमा भी दर्ज हुआ था। पुलिस के शक के दायरे मे आए राम सागर यादव को पुलिस ने जब हिरासत मे लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने पिता की हत्या का जुर्म पुलिस के सामने कुबूल कर लिया। इन्स्पेक्टर तालकटोरा धनन्जय सिंह ने बताया कि पिता के कातिल पुत्र राम सागर ने अपने पिता की 12 बीघा जमीन भी बेच डाली थी और गॉव मे बचे एक मकान को भी वो अपने पिता से बेचने के लिए दबाव बना रहा था उन्होने बताया कि राम सागर तीन महीने पहले अपने पिता को गॉव से लाया था और उसने टैम्पो स्टैन्ड के करीब बनी झोपड़ पटटी मे अपने पिता को ठहराया था उन्होने बताया कि राम सागर ने सागर गुप्ता से 60 हजार रूपए उधार लिए थे यही नही पिता के कातिल बेटे ने कई और लोगो से हजारो रूपए कर्ज लिए है और कर्ज लेकर शराब के नशे मे उड़ा दिए इन्स्पेक्टर तालकटोरा ने बताया कि मृतक ज्ञानी यादव के एक ही संतान राम सागर यादव है क्यूकि सागर यादव शराब का लती है इस लिए वो अपनी बाकी बची हुई जायदाद को अपने पोतो के लिए बचा कर रखना चाहते थे लेकिन राम सागर को ये मंजूर नही था 8ध्9 अक्टूबर की देर रात राम सागर यादव अपने पिता के पास रात के अंधेरे मे आया और अपने पिता की बांके से हत्या करके अपने रूकन्दी पुर घर चला गया सुबह जब पिता की हत्या का शोर हुआ तो उसने सागर गुप्ता को फसंाने के लिए उस पर हत्या का आरोप लगा कर मुकदमा दर्ज करा दिया। लेकिन इन्स्पेक्टर तालकटोरा ने अपनी जॉच मे एक बेकसूर को हत्या जैसी संगीन वारदात के झूठे आरोप मे जेल जाने से बचाते हुए हत्या के वास्तिविक आरोपी मृतक के सगे बेटे को गिरफ्तार कर दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया।