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Ground Report: घर में चार दिन से नहीं जला था चूल्हा, भूख से बुंदेलखंड में दूसरी मौत

ललितपुर (यूपी). यहां के गुगुरवारा गांव में एक 45 साल केे शख्‍स की भूख से मौत के बाद लोग सकते में हैं। मृतक सुखलाल की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। पत्नी तेजा के मुताबिक घर में 4 दिन से चूल्हा नहीं जला था। सुखलाल के घर vicharsuchak.com की टीम पहुंची तो घर की हालत बेहद खराब मिली। बता दें कि बुंदलेखंड रीजन में भूख से मौत का ये दूसरा मामला सामने आया है। इसके पहले बांदा में नत्थू नाम के शख्‍स की भूख से मौत हुई थी। जेब में मिले थे सूखी रोटी के टुकड़े…
– दरअसल, 6 मई की सुबह ललितपुर में एक शख्‍स की बॉडी मिली थी।
– उसकी जेब से सूखी रोटी के टुकड़े मिले थे। बॉडी के पास पानी की खाली बोतल भी पड़ी हुई थी।
– शख्स की पहचान ललितपुर से करीब 20 किमी दूर गुगुरवारा गांव के दलित सुखलाल अहिरवार के रूप में हुई थी।
पत्नी बोली- उज्जैन जाने की बात कहकर घर से निकले थे
– सुखलाल की पत्नी तेजा ने बताया कि 4 मई को पति उज्जैन जाने की बात कहकर घर से निकले थे।
– “इसके बाद 6 मई को उनकी मौत की खबर मिली।”
– “पति कर्ज और बच्चों की भूख को लेकर परेशान थे।”
– “राशन की दुकान से कई महीनों से राशन नहीं मिला है। घर में अनाज का एक भी दाना नहीं है।”
– सुखलाल की 80 साल की मां बेटीबाई कहती हैं- कभी सोचा नहीं था कि मेरे बेटे की मौत भूख से हो सकती है।
अंत्योदय से कट गया था नाम, क्या झूठा है एडमिनिस्ट्रेशन का दावा?
– सुखलाल की पत्नी तेजा ने बताया कि करीब 3 महीने पहले अंत्योदय की लिस्ट से उनका नाम कट गया था।
– लेकिन डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सुखलाल को कार्ड पर 24 किलो गेहूं, 10 किलो चावल और 2 किलो चीनी मिल रही थी।
एडमिनिस्ट्रेशन ने भेजा गेहूं, पत्नी बोली- कंकड़ मिला है
– सुखलाल की मौत से हड़कंप मचने के बाद डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने उसके घर अनाज भेजा।
– पत्नी तेजा ने अनाज दिखाते हुए कहा कि गेहूं बेहद गंदा है। उसमें मिट्टी के कंकड़ हैं।
सुखलाल ने डायरी में लिखी आपबीती
– सुखलाल के घर में उसकी डायरी मिली है।
– इसमें उसने शायरी और कविताओं के जरिए आपबीती लिखी है।
– सुखलाल ने लिखा है, ‘मरो-मरो सब कोई कहे, पर मरना न जाने कोई, एक बार ऐसा मरो कि फिर न मरना होए’
सूखे के चलते 3 साल नहीं हुई थी फसल
– पत्नी तेजा ने बताया कि सुखलाल के पास 4 एकड़ जमीन थी।
– “लगातार 3 साल तक सूखे के कारण फसल नहीं हुई। इससे पति पर करीब 1 लाख का कर्ज चढ़ गया।”
– “कर्ज देने वाले खेत पर रखा मोटर पंप उठा ले गए थे।”
– “समाजवादी राहत पैकेट भी हमको नहीं मिला। इस सबसे वह परेशान थे।”
भतीजा बोला- दिमागी रूप से थे बीमार
– सुखलाल के भतीजे विनोद ने बताया कि वह गांव के मंदिर में पूजा-पाठ करने लगे थे।
– सुखलाल के 4 बच्चे हैं। सबसे बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है, बाकी तीन की उम्र 7 से 11 साल के बीच है।
– बच्चे पूरी तरह से मिड-डे मील पर निर्भर थे। छुट्टी के दिन उन्हें भी भूखे रहना पड़ता था।
– इनकी परवरिश की चिंता के कारण सुखलाल अपनी उम्र से कहीं ज्‍यादा दिखने लगे थे।
– वह दिमागी रूप से भी बीमार हो गए थे और साधुओं की तरह पीले कपड़े पहनने लगे थे।
डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने भूख से मौत को नकारा
– डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने सुखलाल की भूख से मौत को पूरी तरह से नकार दिया है।
– रिपोर्ट में सुखलाल को नशे का आदी बताया गया है।
– मौत की वजह पर साफ-साफ कुछ भी नहीं कहा गया है।
प्रधान बोले- परिवार की मददके लिए सरकार को लिखेंगे लेटर
– गुगुरवारा गांव के प्रधान कनई रजक का कहना कि गांव के ज्यादातर घरों में अनाज की कमी है।
– “सुखलाल के घर की जानकारी मुझे नहीं थी, मालूम होता तो मदद जरूर करते।”
– “लेकिन अब उसके परिवार की मदद के लिए सरकार को लेटर लिखेंगे।”
– गांववालों के मुताबिक, कुछ समय पहले गुगुरवारा में ही लच्छू नाम के शख्स की मौत हुई थी।
– उसके पेट में कसकर कपड़ा बंधा हुआ मिला था।
भूख से मौत का ये दूसरा मामला
– बता दें कि बुंदलेखंड रीजन में भूख से मौत का ये दूसरा मामला है।
– इसके पहले बांदा डिस्ट्रिक्ट में नत्थू (40) नाम के शख्‍स की भूख से मौत हो चुकी है।
– वह अइला गांव में समाजवादी राहत पैकेट लेने जा रहा था। उसी दौरान उसकी मौत हो गई थी।
– नत्थू के घर में कई दिनों से चूल्हा नहीं जला था। वह भी कई दिनों से भूखा था।
– मौत पर बवाल होने के बाद विपक्षी दलों ने यूपी सरकार पर निशाना साधा था।
– स्टेट बीजेपी के स्पोक्सपर्सन विजय बहादुर पाठक ने इसे अखिलेश सरकार का मिस गवर्नेंस करार दिया था।
– इस पर, सीएम अखिलेश यादव ने नत्थू के परिवार को 5 लाख का मुआवजा दिया था।
– सूखे और पानी से त्रस्त बुंदेलखंड रीजन में एक ओर मौते हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर केंद्र और राज्य सरकार के बीच पानी एक्सप्रेस को लेकर विवाद जारी है।