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(50 thousand years)
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50 हजार साल (50 thousand years)में पहली बार धरती के करीब से गुजरेगा हरा धूमकेतु

लंदन: हरे रंग का एक धूमकेतु करीब 50 हजार साल (50 thousand years) में पहली बार पृथ्वी के करीब से गुजरने वाला है। यह धूमकेतु 2 फरवरी को पृथ्वी के सबसे करीब आएगा और इसे हम आसानी से देख पाएंगे। खास बात यह है कि पुराने पाषाण काल युग के बाद पहली बार यह धूमकेतु धरती के इतने करीब दिखेगा। पैराबोलिक पथ के कारण भविष्य में C/2022 E3 (ZTF) नाम का यह धूमकेतु कभी भी धरती के इतने करीब नहीं आ सकेगा।
2फरवरी को जब यह पृथ्वी के करीब से गुजरेगा तब इसके और धरती के बीच 4 करोड़ 18 लाख किमी की दूरी होगी। यह इस हरे धूमकेतु और पृथ्वी के बीच अब तक की सबसे कम दूरी होगी। बता दें कि खगोलविदों ने पहली बार इस हरे धूमकेतु को पिछले साल मार्च में देखा था। नासा के मुताबिक, इस धूमकेतु को कैलिफोर्निया में स्थित एक टेलीस्कोप के वाइड-फील्ड सर्वे कैमरा का इस्तेमाल कर देखा गया था, और यह तब से आसमान में उत्तरी तारामंडल कोरोना बोरेलिस को पार कर रहा है।

50 हजार साल पहले दिखा था यह हरा धूमकेतु
नासा ने 24 दिसंबर को एक प्रेस रिलीज में बताया था कि इस धूमकेतु को अभी टेलिस्कोप से नहीं देखा जा सकता। इससे पहले यह हरा धूमकेतु 50 हजार साल पहले दिखा था। तब इंसान अपने विकास के प्रारंभिक दौर में था और अफ्रीका छोड़कर यूरोप और एशिया में बसा ही था। इस धूमकेतु को शुरू में एक एस्टेरॉयड माना गया था लेकिन बाद में इसकी हकीकत पता चली। पैराबोलि पथ में सूर्य का चक्कर लगा रहा यह धूमकेतु धरती के करीब आने के बाद एक बार फिर गहरे अंतरिक्ष में चला जाएगा।

12 जनवरी को सूर्य के सबसे करीब होगा धूमकेतु
12 जनवरी को यह हरा धूमकेतु सूर्य के सबसे करीब होगा। पृथ्वी के करीब आने पर इसकी चमक दिखाई देगी जो कि लगातार बढ़ती ही चली जा रही है। उत्तरी गोलार्ध के लोगों को यह सुबह के समय दिखाई देगा और इसे दूरबीन या नंगी आंखों से भी देखा जा सकेगा। बता दें कि धूमकेतु ऐसे पिंड होते हैं जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं और वापस अपनी कक्षा में लौट जाते हैं। ये कभी-कभी सूर्य के इतने करीब होते हैं कि उससे टकराकर समाप्त हो जाते हैं।