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(Virajenge Gajanan)

कोविड के बाद घर-घर विराजेंगे गजानन

आगरा । रक्षाबंधन (Virajenge Gajanan) और स्वतंत्रता दिवस बीतने के बाद अब गणेश चतुर्थी की तैयारियां जोरों शोरों पर हैं। मूर्ति की खास बात यह है की इसमें रिद्धि सिद्धि की आकृति (Virajenge Gajanan) के अंदर आम के बीज डाले गए हैं। जहां भी इनका विसर्जन होगा, वहां आम का पेड़ उग जाएगा और विसर्जन हमेशा के लिए यादगार हो जाएगा।

बाजारों में गणपति की मूर्तियां सज गयी हैं। कोविड काल के बाद इस बार गणपति घर-घर विराजमान होंगे और जगह-जगह पांडाल सजाए जाएंगे। शहर में इस बार 21 फुट ऊंची ईको फ्रेंडली गणपति की प्रतिमा सबसे मुख्य आकर्षण है।इस बार भी बाजार में सबसे ज्यादा प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां ही बिकेंगी।

अच्छी फिनिशिंग और चमकदार होने के कारण लोगों को यह बहुत पसंद आती है।लोकेश के अनुसार 14 फुट के गणपति, 3 फुट की चौकी और 4 फुट की गाड़ी मिलाकर प्रतिमा की ऊंचाई 21 फुट है। गुजरात से लाई दो प्रकार की मिट्टी, घास और बम्बई से लाये विशेष ईको फ्रेंडली कलर का इस्तेमाल किया जा रहा है।

जून से मूर्ति पर काम हो रहा है। अभी इसे फाइनल टच देना बाकी है। गणेश चतुर्थी को लेकर कुम्हार बीते दो माह से तैयारियां कर रहे हैं। बाजार में 50 रुपये से 4 हजार रुपये तक की प्रतिमाएं हैं। शहर में मूर्तियों के सबसे बड़े बाजार घटिया आजम खां में दुकानदारों ने अपनी दुकानें सजा ली हैं। लोहामंडी गोकुलपुरा और नामनेर में कुम्हार लगातार मूर्तियां तैयार कर रहे हैं।