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रेलिगेयर कंपनी के पूर्व प्रमोटर मलविंदर सिंह की जमानत याचिका खारिज

नई दिल्ली। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मनी लाउंड्रिंग मामले में जेल में बंद रेलिगेयर कंपनी के पूर्व प्रमोटर मलविंदर सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी है. एडिशनल सेशंस जज संदीप यादव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई सुनवाई के बाद जमानत खारिज करने का आदेश दिया. सुनवाई के दौरान मलविंदर सिंह ने कोर्ट से कहा था कि इस मामले के सह-आरोपी और उनके भाई शिवेंद्र सिंह को हाईकोर्ट ने जमानत दी है. इसलिए इस आधार पर उन्हें भी जमानत दी जानी चाहिए. मलविंदर सिंह ने कहा था कि इस मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बावजूद वो आठ-नौ महीने से जेल में बंद हैं. सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से वकील नीतेश राणे ने मलविंदर सिंह की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मलविंदर सिंह अपने भाई को हाईकोर्ट से मिली जमानत के आधार पर जमानत के हकदार नहीं हो सकते. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर यथास्थिति रखने का आदेश दिया है. इसलिए हाईकोर्ट के आदेश को आधार नहीं बनाया जा सकता है. दरअसल, पिछले 23 जुलाई को हाईकोर्ट ने मलविंदर सिंह के भाई शिवेंद्र सिंह को जमानत दे दिया था. हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ ईडी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यथास्थिति बहाल करने का आदेश दिया था. अभी ये याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. ईडी ने कहा था कि रेलिगेयर एंटरप्राईजेज लिमिटेड (आरईएल) के साथ धोखाधड़ी की गई. रेलिगेयर कंपनी में रहते हुए शिवेंद्र सिंह ने बैंकों से 2300 करोड़ रुपये का कर्ज लिया और उस पैसे को गलत तरीके से अपनी सहायक कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया और बैंक का कर्ज जानबूझकर नहीं चुकाया. इस मामले में शिवेंद्र समेत आरोपियों को ईओडब्ल्यू ने 10 अक्टूबर 2019 को गिरफ्तार किया था. शिवेंद्र के अलावा इस मामले में मलविंदर सिंह, सुनील गोधवानी, कवि अरोड़ा और अनिल सक्सेना को गिरफ्तार किया गया था. हाईकोर्ट ने पिछले 18 जून को अनिल सक्सेना को नियमित जमानत दे दिया था.