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(खतरा!)
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दिल्ली पर फिर मंडराया बाढ़ का खतरा!(खतरा!)

नई दिल्ली. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने दिल्ली की चिंता भी बढ़ानी शुरू कर दी है. यहां यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़कर खतरे  (खतरा!) के निशान को पार कर गया. केंद्रीय जल आयोग की वेबसाइट के अनुसार, मंगलवार रात 10 बजे पुराने रेलवे पुल पर यमुना का जलस्तर 205.39 मीटर दर्ज किया गया, जो कि खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर है.

उधर हरियाणा के यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज पर पानी का प्रवाह दर भी बढ़कर 75,000 क्यूसेक हो गई, जो 26 जुलाई के बाद सबसे अधिक है. ऐसे में दिल्लीवालों को एक बार फिर से मध्य जुलाई जैसे अभूतपूर्व जलभराव और बाढ़ की चिंता सताने लगी है. राजधानी में 10 जुलाई से लगातार 8 दिन तक नदी खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर बही. इस दौरान 13 जुलाई को यमुना नदी का स्तर रिकॉर्ड 208.66 मीटर तक पहुंच गया था. इस बाढ़ के कारण 27,000 से अधिक लोगों को निकालकर को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था. इस दौरान संपत्ति, कारोबार आदि के लिहाज से भी करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था.

‘स्थिति गंभीर होने के आसार कम’
हालांकि यमुना में एक बार फिर बाढ़ आने की इन आशंकाओं के बीच दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली में नदी का जलस्तर बढ़ जाएगा, लेकिन इससे गंभीर स्थिति उत्पन्न होने की आशंका नहीं है. अधिकारी ने बताया कि नदी के किनारे निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है, लेकिन स्थिति गंभीर होने के आसार कम हैं. उन्होंने कहा, ‘हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं. जल स्तर बढ़ सकता है, लेकिन गंभीर स्थिति की आशंका नहीं है.’
हिमाचल-उत्तराखंड में बारिश से भारी तबाही
बता दें कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश ने सोमवार को भारी तबाही मचाई थी. इस बारिश के अकेले हिमाचल में जहां कम से कम 53 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं उत्तराखंड में भी 3 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है, जबकि 5 अन्य लापता हो गए.

इस मूसलाधार बारिश के कारण दोनों राज्यों में कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं और भूस्खलन की घटना हुईं. यहां बद्रीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री मंदिरों तक जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे चार धाम यात्रा भी रोकनी पड़ी.