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झूलते पुल पर पांच गुना भीड़ ,सेल्फी लेने की होड़ में टूटा पुल !

प्रदेश सरकार ने हादसे की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया है। अधिकारियों ने बताया, पानी के अंदर कीचड़ में धंसे शवों को निकालने के लिए पम्पों से पानी हटाया जा रहा है। गुजरात के मोरबी में क्षमता से पांच गुना अधिक लोगों के चढ़ने और सेल्फी लेने की होड़ में मच्छु नदी पर बना ऐतिहासिक झूलता पुल (केबल पुल) टूट गया और 132 लोगों की मौत हो गई। पुल की क्षमता 100 लोगों की थी, मगर प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दुर्घटना के वक्त करीब 500 लोग थे। मृतकों में 50 महिलाएं व बच्चे हैं।

एनडीआरएफ की तीन टीमें व सेना के तीनों अंग बचाव में जुटे

पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया के अनुसार 60 के करीब लापता और 30 घायल हैं। 17 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतक संख्या बढ़ भी सकती है। एनडीआरएफ की तीन टीमें व सेना के तीनों अंग बचाव में जुटे हैं। वायु सेना का विमान गरुड़ मदद के लिए पहुंच गया। प्रदेश सरकार ने हादसे की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया है। अधिकारियों ने बताया, पानी के अंदर कीचड़ में धंसे शवों को निकालने के लिए पम्पों से पानी हटाया जा रहा है। अस्पताल तक लोगों को पहुंचाने के लिए लोगों ने मानव शृंखला बनाकर भीड़ को दूर रखा। इससे एंबुलेंस व बचाव दलों की निर्बाध आवाजाही हो पाई। प्रदेश के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने बताया कि पुल 6 महीने से बंद था। मरम्मत होने के बाद इसे 26 अक्तूबर को फिर से खोला गया था।

50 लोग अब भी फंसे

एक अधिकारी ने बताया कि 177 लोग नदी से निकाले गए हैं। बचाव के लिए नावों का उपयोग किया जा रहा है। अब भी नदी में करीब 40 से 50 लोग फंसे हैं। उन्हें निकालने की कोशिश जारी है। मोरबी का यह केबल सस्पेंशन पुल 140 साल से भी ज्यादा पुराना है। लंबाई करीब 765 फुट है। ब्रिज का उद्घाटन 1879 में मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। तब इसकी लागत 3.5 लाख रुपये थी। पुल बनाने का पूरा सामान इंग्लैंड से ही आया था।