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(आतंकवाद )
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आतंकवाद की परिभाषा पर सहमति न बन पाना दुखद : – मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया आज जो संघर्ष और टकराव का सामना कर रही है उनसे किसी को कोई लाभ नहीं होगा, बल्कि दुनिया को मानव केंद्रित रुख के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है. पीएम मोदी ने जी20 देशों की संसद के स्पीकर और संसदीय प्रतिनिधिमंडल के शिखर सम्मेलन में यह बात कही. प्रधानमंत्री ने साथ ही कहा कि हमें वैश्विक तौर पर एक दूसरे पर भरोसा करने के रास्ते में आने वाली बाधाओं को भी दूर करना होगा. उन्होंने कहा कि यह वक्त शांति और भाईचारे का है और साथ मिलकर आगे बढ़ने का है.

पीएम मोदी ने कहा, ‘आज विश्व संघर्षों और टकरावों का सामना कर रहा है! एक विभाजित दुनिया मानवता के सामने आने वाले मुद्दों और चुनौतियों का समाधान सुनिश्चित नहीं कर सकती. यह शांति और भाईचारे का समय है, साथ मिलकर चलने का समय है! यह समय सबके विकास और कल्याण का है! उनका यह बयान ऐसे समय पर आया है जब फलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास की ओर से 7 अक्टूबर को इजराइल पर ताबड़तोड़ हवाई हमले किए गए और बदले में इजराइली रक्षा बलों की कार्रवाई चल रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन पर करीब 20 वर्ष पहले हुए हमले का जिक्र करते हुए कहा कि भारत सीमा पार से आतंकवाद (आतंकवाद ) का सामना कर रहा है, जिसमें हजारों निर्दोष लोगों की जानें गई हैं.

वैश्विक विश्वास संकट से उबरकर मानव-केंद्रित सोच पर आगे बढ़ना होगा

प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवादियों को पता था कि हमारी संसद चल ​​रही है और वे इसे खत्म करना चाहते थे. लेकिन हमारे सुरक्षा बलों ने सर्वोच्च बलिदान देकर आतंकियों के मंसूबों को नाकाम कर दिया. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया अब यह अहसास कर रही है कि आतंकवाद कितनी बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद मानवता के खिलाफ है. यह दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती है और इससे सख्ती के साथ निपटना ही होगा. हमें वैश्विक विश्वास संकट से उबरना होगा और मानव-केंद्रित सोच पर आगे बढ़ना होगा. हमें विश्व को एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की भावना से देखना होगा! जितना अधिक हम दुनिया के लिए निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में भाग लेंगे, उतना ही अधिक प्रभाव हम दुनिया भर में डालेंगे!’

भारत की जीवंतता और विविधता में एकता सबसे बड़ी ताकत: PM मोदी

उन्होंने कहा कि जी20 की अध्यक्षता ने पूरे वर्ष भारत में उल्लेखनीय गतिविधियां सुनिश्चित कीं, चंद्रमा की सतह पर उतरने में भारत को मिली सफलता ने जश्न को और बढ़ा दिया. 21वीं सदी की इस दुनिया में, भारत की जीवंतता और विविधता में एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत के रूप में खड़ी है! यह जीवंतता हमें हर चुनौती से लड़ने, हर समस्या का समाधान खोजने की प्रेरणा देती है! किसी भी देश की सबसे बड़ी ताकत उसके लोगों में, उसके लोगों की आकांक्षाओं में निहित होती है! पीएम मोदी ने पी20 में कहा, ‘आतंकवाद की परिभाषा’ पर सहमति न बन पाना दुखद है, मानवता के दुश्मन इसी दृष्टिकोण का फायदा उठा रहे हैं. दुनिया भर की संसदों को इस बारे में सोचना होगा कि हमें आतंकवाद से निपटने के लिए कैसे मिलकर काम करना चाहिए.