Breaking News

अगर बन भी गई तो 2024 के अंत तक ही मिल पाएगी कोरोना वैक्सीन

भारत में कोरोना वायरस के मामले आए दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। हालांकि वैज्ञानिक जल्द से जल्द कोरोना वैक्सीन खोजने में लगे हुए हैं। डब्लूएचओ के मुताबिक, 180 देश कोरोना की वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं , जिसमें से कई देशों की वैक्सीन ट्रायल के आखिरी स्टेज पर भी है। मगर, इसी बीच एक बुरी खबर सामने आई है।
2024 के अंत तक मिलेगी कोरोना वैक्सीन
दरअसल, कोरोना वैक्सीन तैयार कर रही दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट का कहना है कि लोगों को 2024 तक वैक्सीन की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। कंपनी के प्रमुख अदार पूनावाला का कहना है कि कोरोना वैक्सीन 2024 के अंत तक ही लोगों को मिल पाएगी। बता दें कि पिछले दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने लोगों को 2021 तक वैक्सीन बन जाने का आश्वासन दिया था। ऐसे में यह खबर चिंताजनक हो सकती है।
वैक्सीन बनने के बाद भी 4-5 साल लगेंगे
सीरम इंस्टीट्यूट कंपनी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिल्कर वैक्सीन बना रही हैं। इनकी वैक्सीन ट्रायल के तीसरे चरण में है इसलिए लोगों को इससे ज्यादा उम्मीदें है। मगर, कंपनी का कहना है कि अगर वैक्सीन बन भी जाती है तो भी सारी आबादी को यह वैक्सीन 2024 के अंत तक ही मिल पाएगी।
क्यों नहीं मिल पाएगी 2024 तक वैक्सीन
ऐसा इसलिए क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन के 2 शॉट देने पड़ेंगे। दुनिया की कुल आबादी लगभग 7.5 अरब है और पूरी दुनिया के लिए कम से कम 15 अरब वैक्सीन की जरूरत होगी। ऐसे में पूरी दुनिया के लिए वैक्सीन बनाने में 4-5 साल का समय लग सकता है।
1 व्यक्ति के बीमार होने से भारत में रुका ट्रायल
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार की गई वैक्सीन का ट्रायल भारतीय मरीजों पर किया जा रहा है। मगर, ए स्टार जी मिनेमा कंपनी की दवा की वजह से एक व्यक्ति की तबीयत खराब हो गई, जिसकी वजह से फिलहाल ट्रायल को रोक दिया गया है और वैक्सीन की दोबारा जांच की जा रही है। हालांकि खबरें आ रही हैं कि ब्रिटेन में वैक्सीन का ट्रायल फिर से शुरू कर दिया गया है।
ट्रायल पूरा होने से पहले निष्कर्ष पर पहुंचना गलत
हालांकि अदार पूनावाला का कहना है कि वैक्सीन का ट्रायल पूरा होने से पहले किसी भी नतीजे पर पहुंचना गलत होगा। हाल ही में हुई घटनाएं इस बात का सबूत है कि वैक्सीन के लिए किसी भी तरह की जल्दबाजी सही नहीं है। ऐसे में हर किसी को वैक्सीन के प्रोसेस का सम्मान करना चाहिए।