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(earthquake)

लखनऊ-सीतापुर, बहराइच में भूकंप के झटके

लखनऊ । यूपी (earthquake) में शुक्रवार रात 1.12 बजे भूकंप आया। भूकंप (earthquake) के झटके लखनऊ, सीतापुर और बहराइच सहित कई जिलों में महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर साइमोलॉजी (भूकंप विज्ञान) ने रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.2 मापी है। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.3 मापी गई थी। भूकंप का केंद्र, यूपी से करीब 400 किमी. दूर नेपाल का बागलंग में रहा।

केंद्र जमीन से 15 किमी. अंदर रहा। भूकंप का केंद्र लखनऊ से 139 किलोमीटर दूर उत्तर-उत्तर पूर्व में नेपाल और बहराइच सीमा पर भेरी में रहा। गहराई जमीन से 82 किलोमीटर नीचे थी।सीतापुर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। रात 1:12 बजे झटका महसूस हुआ तो लोग घरों से बाहर निकल आए। देर रात एक-दूसरे को फोन कर भूकंप के बारे में बताने लगे।

डर की वजह से डरे-सहमे लोग देर रात तक जागते रहे।इससे पहले UP में भूकंप के झटके 7 महीने पहले यानी 6 जनवरी की रात 11:59 बजे आया था। अयोध्या, लखनऊ, गोरखपुर समेत यूपी के कई शहरों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। नेशनल सेंटर फॉर साइमोलॉजी ने बताया है कि 1 बजकर 12 मिनट 47 सेकंड पर भूकंप आया।

इसका केंद्र लाल घेरे में दिखाया गया है जोकि नेपाल और बहराइच बॉर्डर पर भेरी में है। गहराई जमीन से 82 किलोमीटर नीचे थी। 5.2 तीव्रता के भूकंप में जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। जन्माष्टमी मना रहे लोग झटकों से थोड़ी देर के लिए सहम गए थे। हालांकि अधिकांश लोग सो रहे थे, लेकिन कुछ लोगों को झटके महसूस हुए तो वह बाहर आ गए।

नेशनल सेंटर फॉर साइमोलॉजी ने बताया है कि 1 बजकर 12 मिनट 47 सेकंड पर भूकंप आया। इसका केंद्र लाल घेरे में दिखाया गया है जोकि नेपाल और बहराइच बॉर्डर पर भेरी में है। गहराई जमीन से 82 किलोमीटर नीचे थी। भू-वैज्ञानिकों का कहना है कि भूकंप का खतरा हर जगह अलग-अलग होता है। इस खतरे के हिसाब से देश या प्रदेश को चार हिस्सों में बांटा गया है। जोन-2, जोन-3, जोन-4 और जोन-5 नाम दिया गया है। सबसे कम खतरे वाला जोन-2 है। सबसे ज्यादा खतरे वाला जोन-5 है।

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जोन- 4 : सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बागपत, बिजनौर, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, रामपुर, मुरादाबाद, बुलंदशहर, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, पीलीभीत, सहारनपुर, लखीमपुर खीरी, बदायूं, बहराइच, गोंडा, मथुरा, अलीगढ़, बरेली, बस्ती, संतकबीरनगर, देवरिया और बलिया जिला भूकंप के हाईरिस्क में रहते हैं। यानी यहां सबसे ज्यादा खतरा है।

जोन- 3: सोनभद्र, चंदौली, गाजीपुर, वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ़, गोरखपुर, सुल्तानपुर, रायबरेली, अयोध्या, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई, कन्नौज, मैनपुरी, फिरोजाबाद, एटा, फर्रुखाबाद, मिर्जापुर। यह जोन-3 में हैं।

जोन-2: ललितपुर, झांसी, महोबा, बांदा, कौशांबी, प्रयागराज के अलावा आगरा, इटावा, औरैया, कानपुर नगर, फतेहपुर, प्रतापगढ़ भूकंप के जोन-2 में है।