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  (नशे की लत )
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बच्चों में बढ़ती नशे की लत बहुत ही गंभीर  (नशे की लत )

मुंबई: देश के युवा तेजी से ड्रग्स के मकड़जाल में फंसते जा रहे हैं. नशा करने  (नशे की लत ) से पहले शख्स खुद बर्बाद होता है, फिर परिवार , समाज और अंत में देश. यही वजह है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे देश की बड़ी समस्या बता चुके हैं और गृहमंत्री अमित शाह ने तो नशा मुक्त समाज के लिए सभी राज्यों को ड्रग्स के खिलाफ मुहिम चलाने का आदेश दिया है. बड़े पैमाने पर कार्रवाई और धरपकड़ भी शुरू हुई है, लेकिन इसके बावजूद ना तो ड्रग्स की डिमांड कम हो रही है और ना ही सप्लाई. ड्रग्स का बदलता ट्रेंड तो और भी खतरनाक है, जो अमीर-गरीब, छोटे-बड़े सभी को अपने आगोश में ले रहा है.

नए साल के ठीक एक दिन पहले 30 दिसंबर की रात ठाणे क्राइम ब्रांच ने कासरवडवली के मैंग्रोव की झाड़ियों में रेव पार्टी पर छापा मारा, तो वहां 90 युवक और 5 युवतियां नशे में डूबे मिले. पुलिस को मौके से चरस, एलएसडी, एस्कटसी पिल्स और गांजा जैसे ड्रग्स भी मिले. युवकों में ज्यादातर कॉलेज छात्र और कॉरपोरेट में काम करने वाले युवा थे.

मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस द्वारा साल 2019 के सर्वे के मुताबिक देश में करीब दस करोड़ लोग नशे के आदी हैं. एक अन्य सर्वे में तो पंजाब का हर सातवां शख़्स नशे में डूबा है, इसलिए नशे का दूसरा नाम ‘उड़ता पंजाब’ कहलाया, लेकिन अब जब महाराष्ट्र में ड्रग्स की फ़ैक्ट्रियां पकड़ी जाने लगी हैं तो सबसे अमीर राज्य पर भी सवाल उठने लगे हैं कि क्या महाराष्ट्र भी ड्रग्स का हब बन चुका है?

ड्रग्स तस्करी के रूट :-
भारत में विदेशों से ड्रग्स तस्करी के दो रूट हैं. एक गोल्डन ट्रैंगल- जिसमें म्यांमार, लाओस और थाईलैंड से अफीम भारत आती है. दूसरा गोल्डन क्रिसेंट- जिसमें ईरान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से हेरोइन भारत लायी जाती हैं. जबकि कोकिन साउथ अमेरिका से आती है.

एनसीबी के जोनल डायरेक्टर अमित घावटे के मुताबिक इंडिया के लेफ्ट और राइट में डेथ क्रिसेंट और डेथ ट्रैंगल हैं और भारत इन दो रीजन के बीच सैंडविच बना हुआ है. ये हमारे डिस्टर्ब पड़ोसी, जिनका पॉलिटिकल सिस्टम बहुत ही कमजोर है, उसका मेजर सोर्स ऑफ इनकम ज्यादा ड्रग्स से है, ज्यादातर हेरोइन और मेथाफेटामाइन से. इन दोनों के बीच में इंडिया है तो इंडिया का हमेशा ही इस्तेमाल ड्रग्स की तस्करी के लिए किया गया है. पहले वहां से ड्रग्स आता था, इंडिया में स्टोर होती थी और अलग देशों में वितरित होती थी, लेकिन अभी भारत में इसका इस्तेमाल भी बढ़ने लगा है.

जानकारों के मुताबिक करीब 70 फीसदी ड्रग्स की तस्करी समुद्र के रास्ते होती है, क्योंकि समुद्र देश का बड़ा ट्रेड रूट है. समुद्री ट्रांसपोर्ट बहुत बड़े पैमाने पर होते हैं. बड़े-बड़े पोर्ट्स हैं, जहां कंटेनर्स कार्गो आते हैं. तस्कर उसमें ड्रग्स छिपाकर लाते हैं. ऐसे काफी केस हो चुके हैं.
इसी तरह ऐसा कोई देश नहीं होगा, जो हवाई मार्ग से मुंबई, दिल्ली या फिर बैंगलुरु और कोलकाता जैसे बड़े शहर कनेक्टेड नही हैं, तो इसका दुरुपयोग भी ह्यूमन कैरियर और लगेज कैरियर में होता है. कोका वनस्पति से बनने वाली कोकीन साउथ अमेरिका से आता है, तो इसी तरह हेरोइन अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आती है.

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