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(drinking water)
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सर्दी में ठंड के कारण पानी पीना (drinking water)कम ना करें…हो सकते हैं ये नुकसान

पर्याप्त पानी पीने : आपको यह पता होना चाहिए कि पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड रहना (शरीर में पानी की मात्रा का एक निश्चित स्तर तक बने रहना) दिन-प्रतिदिन के शारीरिक कार्यों, जैसे तापमान को नियंत्रित करना और त्वचा के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है. पर्याप्त पानी पीने (drinking water) से पुरानी बीमारियों के विकसित होने का काफी कम जोखिम होता है, जल्दी मरने का कम जोखिम होता है और आप अपनी आयु के विपरीत कम बूढे लगते हैं. अमेरिका के ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ’ की एक स्टडी में ये बातें पता लगी हैं,

इस स्टडी से संबंधित पेपर लिखने वाली नतालिया दिमित्रिवा ने मीडिया को बताया कि, ‘हमारे शोध में जो परिणाम सामने आए हैं, वे बताते हैं कि शरीर में पानी की उचित मात्रा उम्र बढ़ने को धीमा कर सकता है और रोग मुक्त जीवन को लम्बा खींच सकता है.’ नतालिया दिमित्रिवा ‘नेशनल हार्ट, लंग एंड ब्लड इंस्टीट्यूट’ के ‘लेबोरेटरी ऑफ कार्डियोवैस्कुलर रीजनरेटिव मेडिसिन’ में रिसर्चर हैं. यह संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अंतर्गत आता है. शोध के लेखकों ने अपने रिसर्च पेपर में कहा है, ‘यह पता करना कि कौन से निवारक उपाय उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं, प्रिवेंटिव मेडिसिन के सामने एक बड़ी चुनौत है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि आयु-निर्भर पुरानी बीमारियां की महामारी दुनिया की आबादी को तेजी से बूढ़ी कर रही है.’

चूहों पर अध्ययन, पानी की मात्रा कम करने पर 6 महीने घटी उम्र
शोधकर्ताओं ने कहा है कि बीमारियों का उपचार करने से ज्यादा अच्छा इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि एक स्वस्थ और लंबा जीवन काल कैसे हासिल किया जाए. इससे न केवल जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि स्वास्थ्य देखभाल की लागत को कम करने में मदद मिलेगी. चूहों पर किए गए शोध के आधार पर रिसर्च पेपर के लेखकों ने माना है कि शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है. चूहों पर किए अध्ययन में, वैज्ञानिकों ने उनके शरीर में पानी की मात्रा काफी कम कर दी. इसने चूहों के सीरम सोडियम में 5 मिलीमोल प्रति लीटर की वृद्धि की और उनके जीवन काल को 6 महीने तक छोटा कर दिया, जो कि नए अध्ययन के अनुसार मानव जीवन के लगभग 15 वर्ष के बराबर है. सीरम सोडियम को रक्त में मापा जा सकता है और जब हम कम तरल पदार्थ लेते हैं तो इसकी मात्रा बढ़ जाती है.

कम पानी पीने वाले होते जल्दी बूढ़े, घेर लेती हैं तमाम ​बीमारियां
इंसानों में कम पानी की मात्रा के प्रभाव को जानने के लिए शोधकर्ताओं ने एथेरोस्क्लेरोसिस रिस्क इन कम्युनिटीज स्टडी, या ARIC द्वारा 30 वर्षों तक एकत्र किए गए 11,255 ब्लैक और व्हाइट एडल्ट लोगों के हेल्थ डेटा को आधार बनाया. इस स्टडी में शामिल प्रतिभागियों की 45 से 66 वर्ष की उम्र में पहली जांच की गई थी, फिर 70 से 90 साल की उम्र में फॉलोअप टेस्ट हुआ. शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के खून में सोडियम के स्तर को हाइड्रेशन के लिए प्रॉक्सी के रूप में देखा. दरअसल जो व्यक्ति जितना कम तरल पदार्थ का सेवन करता है कि उसके खून में उतनी ज्यादा सोडियम पाई जाती है. ऐसे में शोधकर्ताओं ने पाया कि जिनके खून में ज्यादा सोडियम थे, वे निम्न सोडियम स्तर वाले वाले प्रतिभागियों के मुकाबले शारीरिक रूप से जल्दी बूढ़े हुए.

कम उम्र में ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शूगर जैसी समस्याएं
इसके साथ ही उनमें हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शूगर जैसी बढ़ती उम्र में होने वाली बीमारियां भी पाई गईं. इस स्टडी में पाया गया कि जिन लोगों के खून में सोडियम का स्तर 142 मिलीमोल प्रति लीटर से अधिक था, उनमें हार्ट फेल्यर, स्ट्रोक, फेफड़ों की बीमारी, डायबिटीज़ और डेमेशिया (मतिभ्रंश) सहित कुछ लंबी बीमारियों के विकसित होने का खतरा बढ़ गया था. एनआईएच का कहना है कि उसके अध्ययन से यह तो पता है कि कम पानी पीने के क्या खतरे हो सकते हैं लेकिन यह स्टडी ‘यह साबित नहीं करती है कि ज्यादा पानी पीने से इन लंबी बीमारी को रोका जा सकेगा.’ स्वास्थ्य विशेषज्ञ महिलाओं को 24 घंटे में न्यूनतम 2 लीटर और पुरुषों को 3 लीटर तरल पदार्थ के सेवन की सलाह देते हैं.